चंडीगढ़, 4 मई
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में सरकार द्वारा नशे के खात्मे के लिए शुरू की गई ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम निर्णायक दौर में पहुँच गई है। मान सरकार नशे के खिलाफ जंग में उतर चुकी है और सभी कैबिनेट मंत्रियों ने मोर्चा संभालते हुए पंजाब भर में ज़िला स्तरीय कार्यक्रमों और गाँव रक्षा कमेटियों के ज़रिए जागरूकता फैलाई। नशों के विरुद्ध सारा पंजाब एकजुट हो गया है और यह अब एक लोक लहर बन चुकी है।
आज पंजाब के सभी कैबिनेट मंत्रियों ने राज्य के अलग-अलग स्थानों पर नशे के खिलाफ जागरूकता बैठकों में भाग लेते हुए ज़ोर देकर कहा कि मान सरकार ने जहाँ नशा तस्करों के घर और हौसले तोड़े हैं, वहीं पिछली सरकारों ने नशा तस्करों को पनाह दी थी।
आज वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने पटियाला, शासन सुधार मंत्री अमन अरोड़ा और कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धारीवाल ने बठिंडा, सूचना एवं लोक संपर्क मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने शहीद भगत सिंह नगर, एन.आर.आई. मंत्री कुलदीप सिंह धारीवाल ने पठानकोट, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक और स्थानीय निकाय मंत्री रवजोत सिंह ने पठानकोट, परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर और रक्षा सेवा कल्याण मंत्री मोहिंदर भगत ने गुरदासपुर, बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ और राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री हरदीप सिंह मुंड्डियां ने अमृतसर, ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद और सामाजिक सुरक्षा एवं महिला बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने मालेरकोटला तथा जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने फाजिल्का में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लिया।
मंत्रियों ने अपने संबोधन में कहा कि ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ बनी इस लोक लहर को सफल बनाकर पंजाब को देश का पहला नशा मुक्त राज्य बनाया जाएगा। सरकार की नशों के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरेंस नीति का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि नशा तस्करी में किसी की भी संलिप्तता सामने आई, तो वह बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह राजनेता हो या अफसरशाही में हो। उन्होंने कहा कि पंजाब में नशे का धंधा करने वालों के लिए कोई जगह नहीं है। पंजाब की धरती जुझारू लोगों की धरती है और पंजाबी इस नशों के खिलाफ़ शुरू की गई जंग में सरकार का डटकर साथ दे रहे हैं।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्रियों ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा बी.बी.एम.बी. के मुद्दे पर लिए सख़्त स्टैंड की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री को पंजाब की नदियों का असली रखवाला करार दिया।