यह विवाद 22 सितंबर को शुरू हुआ था। स्टूडेंट्स का आरोप था कि वाइस चांसलर ने कुछ समय पहले गर्ल्स हॉस्टल की चेकिंग की थी। उनके साथ कोई महिला स्टाफ नहीं था। वह न केवल बिना बताए हॉस्टल में घुसे और उनकी प्राइवेसी के अधिकार का उल्लंघन किया बल्कि उनके छोटे कपड़ों को लेकर भी कमेंट किया। उस समय वाइस चांसलर का कहना था कि उन्हें कुछ छात्राओं से ही शिकायत मिली थी कि गर्ल्स हॉस्टल में आधी रात के बाद कुछ लड़कियां सिगरेट और शराब पीती हैं।
इस मामले के गर्माने के बाद फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर और करुणा नंदी की एंट्री हुई थी। उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट डालकर कहा था कि इस मामले की जांच होनी चाहिए।
जब तक जांच पूरी नहीं होती है, तब वीसी को पद से हटा देना चाहिए। इसी बीच पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन ने खुद यूनिवर्सिटी का दौर कर छात्रों से मुलाकात की थी। साथ ही VC का भी पक्ष सुना था। इसके बाद उन्होंने राष्टपति को पत्र लिखा था कि यूनिवर्सिटी के चांसलर को तुरंत प्रभाव से हटा देना चाहिए।