नई दिल्ली (नवदीप छाबड़ा)- दिल्ली में विधान सभा चुनाव से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल पूरी तरह से एक्शन मोड में है। मुख्यमंत्री पद का त्याग करने के पश्चात अरविंद केजरीवाल ने पहले दिल्ली में पदयात्रा शुरू की और अब जनता के हित में वो हर दिन ऐतिहासिक घोषणाएं करते हुए नजर आ रहे हैं। अरविंद केजरीवाल की इस कार्यशैली से दिल्ली में अब सभी विपक्षी दल गहरी चिंता में डूबे हैं कि आखिरकार यह हो क्या रहा है। क्रिकेट की भाषा में कहें तो केजरीवाल की ताबड़तोड़ और धुआंधार बैटिंग दिल्ली की पॉलिटिक्स में खूब हो रही है।
दिल्ली की सियासत में पिछले कुछ दिनों के दौरान अरविंद केजरीवाल ने जो-जो मुद्दे उछाले हैं, उन मुद्दों में बीजेपी खुद को बचा नहीं सकीं। आम आदमी से जुड़े मुद्दों और उनकी मन की बात कहकर अरविंद केजरीवाल लगातार बीजेरी और कांग्रेस पर हावी नजर आ रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव अरविंद केजरीवाल के इर्द-गिर्द ही सिमटकर रह गई है?
बीते कई दिनों से अरविंद केजरीवाल दिल्ली चुनाव को लेकर एक से बढ़कर एक दांव चल रहे हैं. महिला सम्मान योजना की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि केजरीवाल ने पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना का ऐलान कर बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया. केजरीवाल ने ऐलान कर दिया कि अगर दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों को 18,000 रुपये प्रति माह वेतन मिलेंगे. अब बीजेपी और कांग्रेस दोनों इस स्कीम के पीछे पड़ गई और केजरीवाल पर आरोप-प्रत्यारोप करने लगी.
ग्रंथी सम्मान योजना की चर्चा पूरी दिल्ली में
हिन्दू, सिख, मुस्लिम वोट बैंक पर सीधा असर
धार्मिक स्थानों में हो रही केजरीवाल की बात
अरविंद केजरीवाल का मुस्लिम बहुल इलाकों में पहले ही वोट बैंक काफी मजबूत है, लेकिन पुजारी और ग्रंथी सम्मान योजना से केजरीवाल ने सभी धर्मों और वर्गों को अपनी तरफ पूरी तरह से खींच लिया है। पूरे दिल्ली के मंदिरों और गुरुद्वारों में अरविंद केजरीवाल की इस योजना की चर्चा हो रही है और सभी धर्मविद् इसे दिल से स्वीकार भी कर रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी यह अच्छी तरह से जानती है कि पुजारियों, ग्रंथियों और मौलनाओं का आम जनता के ऊपर कितना मजबूत प्रभाव रहता है। ऐसे में अगर धार्मिक स्थानों पर भी केजरीवाल को लेकर बातें होने लगेंगी तो जाहिर सी बात है कि दिल्ली के घर-घर तक फिर से केजरीवाल के नाम का नारा गूंजना शुरू हो जाएगा।
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल का हिंदू और सिख कार्ड काफी तेजी से फैल रहा है। पंजीकरण से लेकर चर्चाओं तक यह योजना अब दिल्ली की आवाज बनती जा रही है। आने वाले दिनों में अगर बीजेपी और कांग्रेस ने इसका कोई मजबूत तोड़ नहीं निकाला तो केजरीवाल का फिर से दिल्ली का सिकंदर बनना तय है।
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने हाल ही में महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना शुरू करने का ऐलान किया है. इस योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को फिलहाल हर महीने 2100 रुपये दिए जाएंगे. महिलाओं की योजना का ऐलान करने के बाद केजरीवाल ने अब पुरुषों के लिए भी योजनाओं की शुरुआत कर दी है. पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना इसी को जोड़कर देखा जा रहा है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगे अरविंद केजरीवाल नवंबर के आखिरी सप्ताह से ही चुनावी मोड में आ गए थे. पूरा दिसंबर महीना अरविंद केजरीवाल की पॉलिटिक्स पर बीजेपी और कांग्रेस घूमती नजर आई. क्योंकि, दिल्ली विधानसभा चुनाव के ऐलान में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. ऐसे में केजरीवाल एक से बढ़कर एक चुनावी घोषणाएं कर बीजेपी और कांग्रेस दोनों को बैकफुट पर ला रहे हैं.
दिल्ली में पहले महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना के बाद पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि, आपको बता दें कि 2024-25 के दिल्ली बजट में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना की घोषणा की गई थी. इस योजना में दिल्ली में 18 साल से अधिक के सबी महिलाओं को 1000 रुपये हर महीने देने की बात थी, जिसे केजरीवाल ने अब बढ़ाकर 2100 रुपया कर दिया है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों केजरीवाल की योजनाओं पर सवाल उठा रहे हैं. लेकिन, ये नहीं बता रहे हैं कि क्या वह भी यह योजना लाएंगे?
कुल मिलकर दिल्ली के राजनीतिक मैदान में अभी तक अरविंद केजरीवाल के मुकाबले कोई दूर-दूर तक नहीं दिख रहा। जनता भी केजरीवाल की ही बात कर रही है। बिजली, पानी, सड़कें, मोहल्ला क्लीनिक की तो पहले ही बात हो रही थी, लेकिन नई योजनाओं से केजरीवाल ने विपक्षीयों को पूरी तरह से चित कर दिया है।