“अगर सड़कें अच्छी हालत में नहीं हैं तो उन पर टोल बंद कर देना चाहिए।” भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का यह बयान ऐसे समय आया है जब कई खबरें सामने आ रही हैं कि हाईवे की खराब हालत के बावजूद भारी मात्रा में टोल वसूला जा रहा है।
आपको बता दें कि NHAI ने इस महीने की शुरुआत में ही राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल शुल्क में 5 फीसदी की बढ़ोतरी की है। अब नितिन गडकरी ने कहा है कि एनएचएआई के नेतृत्व में देश की राजमार्ग एजेंसियां सड़क परियोजना पूरी होते ही टोल वसूलने में जुट जाती हैं। एजेंसियों को पहले अच्छी गुणवत्ता वाली सड़क सेवा सुनिश्चित करनी चाहिए और फिर टोल संग्रह शुरू करना चाहिए।
इसके साथ ही गडकरी ने हाईवे एजेंसियों पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर आप गड्ढों और कीचड़ भरी सड़कों पर टोल वसूल रहे हैं तो लोग नाराज होएगे ही। हालाँकि, मुंबई-गोवा राजमार्ग (MH66) की स्थिति को देखते हुए, जहां पुनर्निर्माण के बाद भी कई गड्ढे दिखाई दे रहे हैं, गडकरी की ये बातें महत्वपूर्ण हो जाती हैं।
इसके सिवा, नितिन गडकरी ने भविष्यवाणी की कि नई जीपीएस आधारित टोल संग्रह प्रणाली की शुरुआत और पुराने फास्टैग सिस्टम को हटाने के बाद भारतीय राजमार्गों से टोल संग्रह कम से कम 10,000 करोड़ रुपये बढ़ जाएगा। यह राजमार्ग का उपयोग करने वाले वाहनों से सटीक दूरी के आधार पर टोल वसूल करेगा।