चंडीगढ़—पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई) ने अपने 51 साल के इतिहास में 5000 से अधिक किडनी प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक संपन्न किए हैं। यह संस्थान किडनी प्रत्यारोपण के मामले में देशभर में अहमदाबाद स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजीज एंड रिसर्च सेंटर (आईकेडीआरसी) के बाद दूसरे स्थान पर है।
पीजीआई द्वारा किडनी प्रत्यारोपण की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि ने स्वास्थ्य सेवाओं में इसकी उत्कृष्टता को एक बार फिर साबित किया है। पीजीआई के निदेशक प्रो. विवेक लाल के अनुसार, यह उपलब्धि गरीब और जरूरतमंद रोगियों को समर्पित पीजीआई की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने बताया कि संस्थान ने हाल के वर्षों में आयुष्मान भारत योजना के तहत भी बड़ी संख्या में मरीजों को मुफ्त किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा दी है।
यों को मिला लाभपीजीआई ने 2022 से अब तक आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 102 मरीजों को कवर किया है, जिनमें से 17% को सरकारी स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान किया गया है। इस योजना के तहत किडनी प्रत्यारोपण के लिए मुफ़्त सर्जरी के साथ-साथ ट्रांसप्लांट रिजेक्शन के उपचार हेतु अतिरिक्त 1 लाख रुपये की राशि भी दी जाती है।
पीजीआई में किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए एक वरदान साबित हुई है, खासकर उन लोगों के लिए जो क्रोनिक किडनी डिजीज या अंतिम चरण के किडनी रोग से पीड़ित होते हैं। किडनी प्रत्यारोपण के उपचार में होने वाले अत्यधिक खर्च के कारण अधिकांश मरीजों के लिए यह सर्जरी एक बड़ी चुनौती होती है।