मार्केट रेगुलेटर SEBI की प्रमुख माधबी पुरी बुच ने अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया है। शनिवार को हिंडनबर्ग ने माधबी और उनके पति धवल बुच पर अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी के आरोप लगाए थे। सेबी चेयरपर्सन ने इन आरोपों को “निराधार” और “चरित्र हनन” का प्रयास बताया है। सेबी चेयरपर्सन ने सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड डिक्लेयर करने की इच्छा व्यक्त की। अपने पति धवल बुच के साथ एक जॉइंट स्टेटमेंट में उन्होंने कहा, ‘हमारा जीवन और फाइनेंसेस एक खुली किताब है।’
पिछले साल अडाणी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाकर हिंडनबर्ग रिसर्च चर्चा में आई थी। व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के आधार पर हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि बुच और उनके पति की मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में कथित तौर पर अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर निवेश किए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल अडाणी ग्रुप के शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया था।
हिंडनबर्ग का आरोप है कि अडाणी समूह पर किए खुलासे के सबूत होने और 40 से ज्यादा स्वतंत्र मीडिया पड़ताल में यह बात साबित होने के बावजूद SEBI ने कोई कार्रवाई नहीं की। इन आरोपों की पड़ताल का जिम्मा SEBI प्रमुख पर ही था, लेकिन इसके उलट SEBI ने 27 जून 2024 को उसे ही नोटिस दे दिया। हिंडनबर्ग ने जनवरी 2023 में अडाणी ग्रुप पर शेयर मैनिपुलेशन और मनीलॉन्ड्रिंग जैसे आरोप लगाए थे।