स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह द्वारा पुनर्गठित विलेज हेल्थ सैनिटेशन और पोषण कमेटियों का उद्घाटन

 

चंडीगढ़, 13 मई:
स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को लोगों के सहयोग से जमीनी स्तर पर मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज राज्य भर में पुनर्गठित की गईं ग्राम स्वास्थ्य सैनिटेशन और पोषण कमेटियों (वीएचएसएनसीज़) का उद्घाटन किया और इन कमेटियों से वेक्टर जनित और पानी से होने वाली बीमारियों से लोगों को बचाने और पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने की अपील की है।

उल्लेखनीय है कि 12,977 वीएचएसएनसीज़ के 1 लाख से अधिक सदस्यों ने यू-ट्यूब लिंक के माध्यम से उद्घाटन समारोह में हिस्सा लिया, जो कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान डॉ. बलबीर सिंह ने मानसा, पटियाला, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर और बठिंडा सहित छह जिलों की कुछ चुनिंदा वीएचएसएनसीज़ के 100 से अधिक सदस्यों के साथ सीधे तौर पर बातचीत की।

मौजूदा स्वास्थ्य मुद्दों से निपटने में वीएचएसएनसीज़ की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि इन कमेटियों का जिम्मा डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के साथ-साथ दस्त जैसी पानी से होने वाली बीमारियों के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करना है। उन्होंने बताया कि सभी आशा कार्यकर्ताओं को “हर शुक्रवार डेंगू पर वार” अभियान के हिस्से के रूप में मच्छरों के लार्वा की पहचान संबंधी प्रशिक्षण दिया गया है, जिसका उद्देश्य घरों के अंदर और आसपास खड़े पानी, जो मच्छरों के प्रजनन का कारण बनते हैं, को खत्म करना है। उन्होंने यह जानकारी भी दी कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जैविक नियंत्रण उपाय के रूप में गांव के तालाबों में छोड़ने के लिए गैंबूसिया मछलियाँ भी प्रदान की जा रही हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डेंगू की जांच अब सभी आम आदमी क्लीनिकों (एएसी) पर मुफ्त है और डेंगू बीमारी का पता लगने पर लोग किसी भी सरकारी सुविधा से मुफ्त इलाज प्राप्त कर सकते हैं।

वेक्टर जनित बीमारियों के प्रबंधन के अलावा स्वास्थ्य मंत्री ने ग्राम रक्षा कमेटियों की मदद से पीने के लिए साफ पानी को सुनिश्चित करने और गांवों को “नशा मुक्त” बनाने के साथ-साथ नशा तस्करों के विरुद्ध मिलकर कार्रवाई की जरूरत पर भी जोर दिया।

डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि वे आने वाले दिनों में वीएचएसएनसी सदस्यों के साथ नियमित रूप से बातचीत करेंगे और अगली बातचीत मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर केंद्रित होगी।

राज्य में लू चलने के मद्देनजर डॉ. बलबीर सिंह ने जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं और लोगों को पर्याप्त पानी पीने, धूप में काम करने से बचने, ढीले सूती कपड़े पहनने और लू लगने के लक्षण सामने आने पर तुरंत छांव वाली जगह पर जाने के लिए कहा है। उन्होंने पर्यावरण सुरक्षा के लिए और पेड़ लगाने के महत्व पर भी जोर दिया।

वीएचएसएनसीज़ के योगदान को मान्यता देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने ऐलान किया कि अच्छी कारगुजारी वाली कमेटियों को ग्रांट और प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।

इसके उपरांत सभी जिलों के सिविल सर्जनों के साथ बैठक में डॉ. बलबीर सिंह ने सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण पर जोर दिया। उन्होंने सिविल सर्जनों से सरकारी कामकाज की मानसिकता से दूर रहने की अपील करते हुए सरकारी अस्पतालों को अपने निजी अस्पताल की तरह मानने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य मंत्री ने “प्लेसबो इफेक्ट” की प्रभावशीलता को उजागर करते हुए मरीजों के साथ सहानुभूति और अच्छे व्यवहार से पेश आने के लिए कहा।

इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने प्रत्येक जिले की प्राथमिक और माध्यमिक स्वास्थ्य सेवाओं का भी जायजा लिया।

इस मौके पर पीएचएससी के वाइस चेयरमैन मनइंदरजीत सिंह विक्की, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य कुमार राहुल, सदस्य पंजाब विकास कमीशन अनुराग कुंडू, सचिव स्वास्थ्य बसंत गर्ग, विशेष सचिव स्वास्थ्य-कम-एमडी एनएचएम घनश्याम थोरी, एमडी पीएचएससी अमित तलवार, डायरेक्टर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. हितिंदर कौर, डायरेक्टर परिवार कल्याण डॉ. जसमिंदर, डायरेक्टर ईएसआई डॉ. जसप्रीत कौर, डायरेक्टर पीएचएससी डॉ. अनिल गोयल शामिल थे।
डब्बा: विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों में शानदार प्रदर्शन वाले सम्मानित जिले:
— 2024-25 में माताओं की मृत्यु (एमएमआर) दर में सबसे कम कमी: रोपड़ (25)
— एएसीज़ में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला जिला: संगरूर
— वेक्टर जनित रोग नियंत्रण में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला जिला: लुधियाना
— एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) और गैर-संचारी बीमारियों (एनटीपी) में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला जिला (30+ स्क्रीनिंग): पठानकोट
— 100-दिवसीय टीबी अभियान में संवेदनशील समूहों की सबसे अधिक स्क्रीनिंग: फतेहगढ़ साहिब
— टीकाकरण में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला जिला: होशियारपुर
— एनपीसीबी स्कूलों में ऐनकें की मुफ्त वितरण में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला जिला: मलेरकोटला
— ट्यूबेक्टोमी और पीपीआईयूसीडी (परिवार नियोजन) में 100 प्रतिशत सफलता: बरनाला
— 2023-24 और 2024-25 के सिविल रजिस्ट्रेशन प्रणाली में पीसी और पीएनडीटी कार्यक्रम के तहत सबसे अधिक लिंग अनुपात: कपूरथला (964)

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