हरभजन सिंह ई. टी. ओ. ने पी. एस. पी. सी. एल. द्वारा पश्चिमी ज़ोन के बिजली बुनियादी ढांचे में किये मिसाली बदलाव की सराहना की

 

चंडीगढ़, 23 मईः

पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई. टी. ओ. ने पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमटिड ( पी. एस. पी. सी. एल.) की तरफ से राज्य ख़ास कर पश्चिमी ज़ोन के बिजली बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने में की शानदार प्रगति की सराहना की। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के गतिशील नेतृत्व अधीन पश्चिमी ज़ोन जिसमें बठिंडा, मानसा, फरीदकोट, मोगा, फ़िरोज़पुर, श्री मुक्तसर साहिब और फाजिल्का जिले शामिल हैं, में साल 2024-25 के दौरान बिजली वितरण, ट्रांसमिशन और भरोसे योग्यता में मिसाली विस्तार किया गया है।

प्रगति सम्बन्धी विवरण सांझे करते हुये मंत्री ने पूरे ज़ोन में की गई व्यापक अपग्रेडेशन पर रौशनी डाली, जिसमें अब 400 के. वी. के 3 सबस्टेशन, 220 के. वी. के 25, 132 के. वी. के 18, और 66 के. वी. के 256 सबस्टेशन शामिल हैं, जो मिलकर 6490 एम. वी. ए. क्षमता की पेशकश करते हैं। यह अपग्रेडेशन 3548.75 सर्कट किलोमीटर से अधिक में फैली 66 के. वी. की 336 लाईनों के द्वारा की गई है, जो पूरे क्षेत्र में मज़बूत संपर्क और निरंतर बिजली सप्लाई को यकीनी बनाती है।

उन्होंने कहा कि 23.85 लाख खपतकारों के बढ़ते आधार के लिए बिजली स्पलाई यकीनी बनाने के लिए पी. एस. पी. सी. एल. ने 11 के. वी. के 3545 फीडरों के द्वारा अपने वितरण प्रणाली को मज़बूत किया है। कुशलता में सुधार करने और लोड सम्बधी रुकावटों को घटाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुये साल के दौरान 475 फीडरों को डी-लोड किया गया। इसके इलावा, हाई टेंशन (एच. टी.) लाईन नैटवर्क को 875. 65 किलोमीटर तक बढ़ा कर 100,312 किलोमीटर तक पहुँचाया गया, जबकि लौ टेंशन (एल. टी.) लाईनों को 41,623.53 किलोमीटर तक बढ़ाया गया, जिससे दूर-दराज और ग्रामीण क्षेत्रों में कवरेज में विस्तार हुआ।

मंत्री ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण प्राप्तियों में से एक ट्रांसफ़र्मरों की क्षमता बढ़ाने के क्षेत्र में हुई है। ज़ोन अब 449, 567 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर चलाता है, जिसकी कुल स्थापित क्षमता 11,782.38 एम. वी. ए. है – जो पिछले साल की अपेक्षा 8386 ट्रांसफार्मर और 396.35 एम. वी. ए. का विस्तार दर्शाता है। पावर ट्रांसफ़र्मरों के क्षेत्र में कई बड़े अपग्रेड भी किये गए, जिसमें चार यूनिटों को 6.3/8.0 एम. वी. ए. से 12.5 एम. वी. ए., सात यूनिटों को 10/12.5 एम. वी. ए. से 20 एम. वी. ए., और चार यूनिटों को 20 एम. वी. ए. से 31.5 एम. वी. ए. तक अपग्रेड करना शामिल है। इसके इलावा दो नये 20 एमवीए ट्रांसफार्मर भी लगाए गए हैं, जो सबस्टेशनों की क्षमता और भरोसे योग्यता को और बेहतर बना रहे हैं।

बिजली मंत्री ने रीवैंपड डिस्ट्रीब्यूशन सैक्टर स्कीम ( आर. डी. एस. एस.) अधीन किये जा रहे रणनीतिक निवेशों को उजागर किया, जिसके अंतर्गत पश्चिमी जोन के लिए 381.85 करोड़ अलाट किये गए हैं। योजनाबद्ध कामों में 11 के. वी. फीडरों के 234 दोहरे-कनैक्शन, 184 भूमिगत केबलिंग प्रोजैक्ट, 157 उच्च-क्षमता कंडक्टर अप्पग्रेड, 708 नये ट्रांसफार्मर, छह नये सब-स्टेशन और 23 अतिरिक्त डिस्ट्रीब्यूशन लाईनें शामिल हैं। इन पहलकदमियों से बिजली के कटों, वोलटेज उताढ़-चढ़ाव और ट्रांसफार्मर फेल होने में काफ़ी कमी आने की उम्मीद है, इस तरह जोन को भविष्य के लिए ऊर्जा की माँगों के मद्देनज़र तैयार किया जा रहा है।

इन विकासशील कामों की महत्ता पर बोलते हुये बिजली मंत्री ने कहा कि पश्चिमी जोन में आई तबदीली, पंजाब सरकार की हरेक घर, उद्योग और कृषि उपभोक्ता को भरोसेयोग और निर्विघ्न बिजली प्रदान करने की वचनबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के मज़बूत समर्थन से हम पंजाब को बिजली भरोसे योग्यता और बुनियादी ढांचे में अग्रणी बनाने के लिए वचनबद्ध हैं। पीएसपीसीएल का पश्चिमी जोन एक प्रत्यक्ष उदाहरण है कि सहृदय और निष्पक्ष शासन और लोगों के प्रति समर्पण की भावना क्या- कुछ प्राप्त कर सकती है।’’

हरभजन सिंह ईटीओ ने आगे कहा कि यह सुधार केवल आंकड़ों में ही नहीं बल्कि – यह लोगों, उद्योगों और संस्थाओं को निर्विघ्न बिजली स्पलाई के साथ समर्थ बनाने की तरफ एक अर्थपूर्ण और प्रभावी कदम को दर्शाते हैं। पंजाब में चल रहे इस विकास और आधुनिकीकरण के सफ़र में पी. एस. पी. सी. एल. का पश्चिमी जोन तरक्की के एक प्रकाश स्तंभ के तौर पर खड़ा है, मुकम्मल बिजलीकरण, सशक्त और भावी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है।

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