18वीं लोकसभा सत्र की शुरुआत में संगरूर से सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने लोकसभा में अपना पहला भाषण देते हुए पंजाबियों के मुद्दे पर आवाज उठाई। मीत हेयर ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर बहस में भाग लेते हुए इस बात पर अफसोस जताया कि अभिभाषण में पंजाब का नाम तक नहीं लिया गया।
दरअसल, सांसद मीत हेयर ने देश की आजादी के लिए 80 फीसदी पंजाबियों के बलिदान, विभाजन की पीड़ा, किसानों द्वारा देश का अन्न भंडार भरने, सीमा पर सैनिकों की शहादत और खेलों खासकर ओलंपिक में पंजाबियों के योगदान का जिक्र किया। इसके साथ ही मीत हेयर ने हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर, शूटर अभिनव बिंद्रा, अर्शदीप सिंह का भी जिक्र किया।
मीत ने कहा कि युद्ध के मैदान से लेकर खेल के मैदान तक पंजाबियों ने बहुत बड़ा योगदान दिया है। अग्निवीर योजना के पहले शहीद पंजाबी अमृतपाल सिंह थे, जिन्हें हमारे मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने एक करोड़ रुपये दिये थे। इसके साथ ही मीत ने पंजाब के आरडीएफ सहित 8,000 करोड़ रुपये के जमे हुए फंड को जारी करने की भी मांग की।
इसके सिवा उन्होंने कर्मचारियों के पक्ष में बोलते हुए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की भी मांग की। मीत हेयर ने आगे कहा कि पंजाबी एक गौरवशाली राष्ट्र है। वे भीख नहीं मांगते बल्कि अपने हक के लिए आवाज उठाते हैं। अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे पंजाब के किसानों को हरियाणा से आगे नहीं जाने दिया गया। साथ ही मीत हेयर ने केंद्रीय एजेंसियों के जरिए अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, हेमंत सोरेन समेत विपक्षी नेताओं को परेशान करने का मुद्दा भी उठाया।