आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईओ का बेटा भी गिरफ्तार, पिता की दो नंबर की आय को एक नंबर में बदलता था बेटा

 

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने धोखाधड़ी मामले में एक और कार्रवाई करते हुए पंजाब के सरकारी विभाग के बर्खास्त ईओ गिरीश वर्मा के बेटे विकास वर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, विकास वर्मा, उनके पिता और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद से विकास फरार हो गया और उसकी तलाश की जा रही थी। अब विजिलेंस ने विकास को काबू कर मोहाली कोर्ट में पेश किया, जहां कोर्ट ने उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

इस मामले के संबंध में जानकारी देते हुए राज्य सतर्कता ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले के तहत गिरीश वर्मा और उसके तीन साथियों संजीव कुमार निवासी खरड़, पवन कुमार शर्मा निवासी पंचकुला, कॉलोनाइजर और गौरव गुप्ता पूर्व नगर पार्षद कुराली को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

मामले पर और प्रकाश डालते हुए प्रवक्ता ने बताया कि विजिलेंस ब्यूरो ने वर्ष 2022 में आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में गिरीश वर्मा और अन्य के खिलाफ एफआईआर नंबर 18 दर्ज की थी। मामले की जांच के दौरान पता चला कि गिरीश वर्मा ने अपनी पत्नी संगीता वर्मा और बेटे विकास वर्मा के नाम पर 19 प्रमुख आवासीय/व्यावसायिक संपत्तियां खरीदी थीं।

प्रवक्ता ने आगे खुलासा किया कि कथित आरोपी गिरीश वर्मा जीरकपुर, खरड़, कुराली, डेराबस्सी आदि नगर परिषदों में ईओ के पद पर रहा है और इस दौरान गिरीश वर्मा स्थानीय बिल्डरों/डेवलपर्स को अनुचित लाभ देता रहा और बदले में वह अवैध रूप से अपनी पत्नी और बेटे के नाम पर ‘असुरक्षित ऋण’ के रूप में बैंक प्रविष्टियाँ करके उक्त बिल्डरों के खातों से बहुत सारा अवैध धन जुटाया। इसके सिवा, इस पैसे का इस्तेमाल संपत्ति खरीदने के लिए किया गया। विभाग के अनुसार, वर्ष 2019-20 में विकास वर्मा अपने पिता के काले धन को रियल एस्टेट फर्मों ‘बालाजी इंफ्रा बिल्डटेक’ और ‘बालाजी डेवलपर्स’ में सफेद करता था और बैंक प्रविष्टियों को असुरक्षित ऋण के रूप में डायवर्ट करके इसे वैध धन में बदल देता था।

विकास वर्मा और मामले में सह-आरोपी साझेदार संजीव कुमार, गौरव गुप्ता और आशीष शर्मा, सभी कुराली के निवासी, अनुचित तरीके से भूखंडों की बिक्री और आवासीय कॉलोनियों के नियमितीकरण के लिए पुराने अनुबंध तैयार करके धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल थे।

प्रवक्ता ने बताया कि उच्च न्यायालय ने पहले ही विकास वर्मा की अग्रिम जमानत रद्द कर दी थी। इसके बाद मोहाली कोर्ट ने विकास वर्मा को भगोड़ा घोषित कर दिया। अब ब्यूरो द्वारा गिरफ्तारी के डर से विकास ने आज कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। फिलहाल इस संबंध में आगे की जांच जारी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *