चंडीगढ़–पंजाब सरकार अब स्कूलों में एनर्जी ड्रिंक पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है। कई ऐसे ब्रांड हैं, जिन्हें आमतौर पर बच्चे पीते देखे जाते हैं। इतना ही नहीं, कई माता-पिता भी अनजाने में इन ड्रिंक्स को घर ले आते हैं, जबकि उन्हें यह जानकारी नहीं होती कि इनसे बच्चों को काफी नुकसान हो सकता है। कुछ बच्चे ऑनलाइन फ़ार्मेसी से भी एनर्जी ड्रिंक मंगवा लेते हैं। इस पर रोक लगाने के लिए पंजाब सरकार केंद्र सरकार को पत्र लिखने जा रही है, ताकि राज्य को नशा मुक्त बनाया जा सके। यह जानकारी पंजाब के सेहतमंत्री बलबीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि पंजाब को नशा मुक्ति में लगे डॉक्टरों, नर्सों व अन्य माहिरों को अब एम्स से ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। इसके लिए उनका एम्स से एमओयू हो गया है।
सेहत मंत्री बलबीर सिंह ने बताया कि उन्होंने पंजाब के कई नशा मुक्ति केंद्रों का दौरा किया। इस दौरान जब उन्होंने बच्चों से बातचीत की, तो पता चला कि बहुत से बच्चों ने स्कूल में ही नशे की शुरुआत की थी। वे बीड़ी, सिगरेट और ई-सिगरेट का उपयोग करने लगे थे। इनमें से कई बच्चों ने शुरुआत एनर्जी ड्रिंक से की थी, जिससे उन्हें धीरे-धीरे लत लग गई।
मंत्री ने माता-पिता से अपील की है कि वे घर में एनर्जी ड्रिंक का इस्तेमाल न करें और इसके बजाय बच्चों को नींबू पानी, ताजे फल और लस्सी जैसी प्राकृतिक और स्वास्थ्यवर्धक चीजें दें। एनर्जी ड्रिंक से बच्चों की हृदय गति बढ़ती है। शुरुआत में यह उन्हें अच्छा लगता है, लेकिन यह मस्तिष्क और हृदय को नुकसान पहुंचाता है और वजन बढ़ाने का कारण बनता है। इस विषय को स्कूलों के जागरूकता कार्यक्रमों में भी शामिल किया जा रहा है। इस तरह ई सिगरेट व अन्य चीजों के बारे के हानिकारक प्रभावों बारे में उन्होंने बताया।