भारतीय चुनाव आयोग ने पिछले तीन महीनों में कई नई  पहल शुरू कीं: सिबिन सी

 

 

चंडीगढ़, 22 मई:

पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी. ने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के गतिशील और सक्षम नेतृत्व में भारतीय चुनाव आयोग ने पिछले तीन महीनों में कई नई पहल शुरू की हैं। गौरतलब है कि ज्ञानेश कुमार को 19 फरवरी, 2025 को भारत का मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था।

सिबिन सी. ने कहा कि मतदाताओं की सुविधा के लिए एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1200 तक सीमित कर दी गई है। इसी तरह, ऊंची इमारतों/कॉलोनियों में अतिरिक्त मतदान बूथ स्थापित किए जाएंगे और मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए, मृत्यु पंजीकरण का डेटा सीधे आर.जी.आई. डेटाबेस (रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया) से प्राप्त किया जाएगा और पूरी तरह से सत्यापन के बाद ही अपडेट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मतदाता सूचना पर्चियों को मतदाताओं के लिए अधिक अनुकूल बनाया जाएगा; मतदाता का क्रम संख्या और भाग संख्या अब अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित की जाएगी।

उन्होंने आगे कहा कि फरवरी से अब तक, सीईओ/डीईओ/ईआरओ  स्तर पर पैन इंडिया  सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गई हैं। कुल 4,719 बैठकें हुईं (सीईओ-40/डीईओ-800/ईआरओ-3879) और इन बैठकों में राजनीतिक दलों के 28,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के प्रमुखों, जैसे कि आप/भाजपा/बसपा/सीपीआई(एम)/एनपीपी  के साथ भी बैठकें कीं। भारतीय चुनाव आयोग ने आईआईआईडीईएम  (बिहार, तमिलनाडु और पुडुचेरी) में राजनीतिक दलों के बूथ स्तर के एजेंटों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी आयोजित किए।

सिबिन ने कहा कि भारतीय चुनाव आयोग ने नया एकीकृत डैशबोर्ड – ईसीआईनेट पेश किया है, जिसका उद्देश्य सभी हितधारकों के लिए एक ही स्थान पर सभी सेवाएं प्रदान करना है (40 से अधिक ऐप्स/वेबसाइटों की जगह एक ही ऐप)। डुप्लीकेट ई.पी.आई.सी. नंबर का मुद्दा भी हल हो गया। उन्होंने बताया कि मतदाता सूचियों की तैयारी और चुनाव कराने की पूरी प्रक्रिया में 28 हितधारकों की पहचान की गई, जिनमें मतदाता, चुनाव अधिकारी, राजनीतिक दल, उम्मीदवार और कई अन्य शामिल थे, जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, 1951, मतदाताओं का पंजीकरण नियम 1960, चुनाव कराने संबंधी नियम, 1961 पर आधारित हैं और भारतीय चुनाव आयोग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों में शामिल थे। इनमें से प्रत्येक हितधारक के लिए, आयोग के अधिनियमों, नियमों और निर्देशों के आधार पर प्रशिक्षण प्रस्तुतियाँ तैयार की जा रही हैं।

एक अनूठी पहल करते हुए, भारतीय चुनाव आयोग ने बीएलओ  के लिए मानक फोटो पहचान पत्र जारी करने की घोषणा की है। 3000 से अधिक बूथ स्तर के पर्यवेक्षक पहले ही आईआईआईडीईएम में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं और अगले कुछ वर्षों में 1 लाख से अधिक बूथ स्तर के पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। भारतीय चुनाव आयोग ने आईआईआईडीईएम में सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव कार्यालयों से एसएमएनओ और एमएनओ  के लिए अभिविन्यास कार्यक्रम और आईआईआईडीईएम  में बिहार के पुलिस अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण भी करवाया। भारतीय चुनाव आयोग ने बायोमेट्रिक उपस्थिति, ई-ऑफिस का संचालन और सीईओ  के साथ नियमित बैठकों को भी लागू किया है।

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