शिक्षा क्रांति: हरजोत बैंस द्वारा श्री आनंदपुर साहिब के 10 सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन

 

चंडीगढ़/श्री आनंदपुर साहिब, 15 अप्रैल:


राज्य की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बुनियादी ढांचे से सुसज्जित कर उसकी रूपरेखा को बदलने के उद्देश्य से चलाए जा रहे प्रयासों के तहत पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री स हरजोत सिंह बैंस ने आज “शिक्षा क्रांति” पहल के अंतर्गत श्री आनंदपुर साहिब हलके के 10 स्कूलों में 84 लाख रुपये से अधिक की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया।शिक्षा मंत्री ने हलके के हाई, मिडल और प्राइमरी स्कूलों में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें प्रमुख रूप से सरकारी प्राइमरी स्मार्ट स्कूल मजारा में 5.10 लाख रुपये की लागत से चारदीवारी और 6.31 लाख रुपये की लागत से कमरों की मरम्मत; सरकारी प्राइमरी स्मार्ट स्कूल लंग माजरी में 12.6 लाख रुपये की लागत से चारदीवारी और मरम्मत कार्य; सरकारी प्राइमरी स्मार्ट स्कूल चंदेसर में 5.67 लाख रुपये की लागत से नए शौचालय और मरम्मत कार्य; सरकारी प्राइमरी स्मार्ट स्कूल महरोली में 7.33 लाख रुपये की लागत से कक्षा कक्षों की मरम्मत; सरकारी प्राइमरी स्मार्ट स्कूल खामेरा में 8 लाख रुपये की लागत से चारदीवारी व अन्य विकास कार्य; सरकारी प्राइमरी स्मार्ट स्कूल गनारु में 4.85 लाख रुपये की लागत से कक्षा कक्षों की मरम्मत; सरकारी प्राइमरी स्मार्ट स्कूल अगमपुर में 11.16 लाख रुपये की लागत से नए कक्षा कक्षों का निर्माण व मरम्मत कार्य; सरकारी मिडल स्कूल गरां में 2 लाख रुपये की लागत से चारदीवारी निर्माण तथा सरकारी हाई स्कूल अगमपुर में 21.53 लाख रुपये की लागत से तीन कक्षा कक्षों और एक चारदीवारी के निर्माण कार्य शामिल हैं।

शिक्षा मंत्री ने स्कूलों की अवस्थिति को और बेहतर बनाने हेतु सरकारी प्राइमरी स्मार्ट स्कूल मजारा के लिए अतिरिक्त 10 लाख रुपये और सरकारी प्राइमरी स्मार्ट स्कूल चंदेसर के लिए 40 लाख रुपये की ग्रांट देने की घोषणा भी की।

राज्य में उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने सरकारी स्कूलों की स्थिति को सुधारने और राज्य में शैक्षणिक मानकों को ऊंचा उठाने के लिए “शिक्षा क्रांति” कार्यक्रम शुरू किया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सामान्य घरों के बच्चे भी वैश्विक प्रतिस्पर्धा के इस युग में अपना अहम स्थान बना सकें।

उन्होंने बताया कि अब सरकारी स्कूल अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं, जिनमें हाई-स्पीड वाई-फाई कनेक्शन, पीने योग्य स्वच्छ जल, लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय, चारदीवारी, स्मार्ट क्लासरूम, एकीकृत विज्ञान प्रयोगशालाएं, इंटरएक्टिव पैनल, खेल मैदान और आधुनिक फर्नीचर आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण बुनियादी निवेश का उद्देश्य विद्यार्थियों के लिए अनुकूल अध्ययन वातावरण तैयार करना है।

शिक्षा मंत्री ने सरकारी स्कूलों को उत्कृष्टता केंद्रों में तब्दील करने के प्रति पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए इन्हें “स्कूल ऑफ एमिनेंस”, “स्कूल ऑफ हैपीनैस” और “स्कूल ऑफ ब्रिलियंस” के रूप में अपग्रेड करने पर बल दिया। शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाने के लिए अध्यापकों और स्कूल प्रमुखों के व्यावसायिक और कौशल विकास हेतु उन्हें विशिष्ट विदेशी संस्थानों में भेजा जा रहा है। इसका मकसद शैक्षणिक गुणवत्ता को ऊंचा उठाना है और अब सरकारी स्कूल गुणवत्ता के मामले में निजी स्कूलों को भी पीछे छोड़ रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रही है बल्कि सरकारी स्कूलों में अध्ययन के लिए प्रेरक वातावरण को भी प्रोत्साहित कर रही है।

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