सीधी बिजाई करने वाले किसानों को मिलेंगे 1500 रुपये प्रति एकड़- गुरमीत सिंह खुडिड़यां

 

पंजाब में इस साल धान की सीधी बुआई (DSR) का रकबा पिछले साल के मुकाबले 44 फीसदी बढ़ गया है। जल-बचत करने वाली DSR तकनीक का उपयोग करते हुए, इस वर्ष 2.48 लाख एकड़ धान की सीधी बुआई की गई है, जबकि 2023 मानसून सीजन के दौरान 1.72 लाख एकड़ में धान की बुआई की गई थी। श्री मुक्तसर साहिब जिला डीएसआर पद्धति का उपयोग करने में राज्य भर में अग्रणी रहा है। यह दावा पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुडिड़यां ने किया है।

कृषि मंत्री ने कहा कि श्री मुक्तसर साहिब जिला 78,468 एकड़ में धान की सीधी बुआई के साथ राज्य में अग्रणी रहा है। इसके बाद क्रमश फाजिल्का (75,824 एकड़), अमृतसर (17,913 एकड़), फिरोजपुर (17,644 एकड़) और बठिंडा (12,760 एकड़) में धान की सबसे अधिक सीधी बुआई होती है।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार को किसानों को कद्दू के साथ धान की खेती की पारंपरिक विधि, जिसमें बहुत अधिक पानी की खपत होती है, के बजाय DSR अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 1500 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान DSR पद्धति अपनाने वाले 17,116 किसानों को 20.33 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। राज्य सरकार ने अब वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान धान की सीधी बुआई करने वाले किसानों के लिए 50 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि निर्धारित की है।

इसके साथ ही गुरमीत सिंह खुडिड़यां ने बताया कि अब तक 24,120 किसानों की DSR पोर्टल पर 2.48 लाख एकड़ भूमि पंजीकृत हो चुकी है। कृषि विभाग के मैदानी अधिकारी किसानों एवं उनके DSR-पंजीकृत रकबे का निरीक्षण कर रहे हैं। इस सत्यापन प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, प्रोत्साहन राशि सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी।

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