चुनाव के बीच खुले मंच पर हो मोदी और राहुल गांधी की बहस

अमरीका मेँ राष्ट्रपति चुनाव से पहले होने वाली उम्मदीवारों की बहस अगर भारत में भी लोकसभा चुनाव के बीच हो तो कैसा रहेगा। क्या ऐसा हो सकता है? हांलाकि यह बहुत अचरज की बात होगी, अगर ऐसा होता है तो। पर ऐसा संभव हो भी सकता है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायधीशों ने 2024 के लोकसभा चुनावों के बीच में सार्वजनिक बहस के लिए दो उम्मदीवारो को आमंत्रित किया है जिनमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी शामिल है।

पूर्व न्यायधीश जस्टिस लोकुर और शाह के साथ-साथ द हिंदू के पूर्व संपादक एन राम ने भी दोनों नेताओं को एक पत्र लिख के ऐसी चर्चा को देश के विकास के लिए सार्थक बताया है। एक पत्रकार और पूर्व न्यायाधीशों ने पीएम मोदी और राहुल गांधी को जो चिट्ठी भेजी है। उसमें लिखा है कि एक ऐसे सांझे मंच पर बहस हो जो किसी पक्ष की ना हो और ना ही किसी से तरह कमर्शियल हो।

दरअसल चिट्ठी में लिखा गया है, “हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं, और पूरी दुनिया हमारे चुनावों को बहुत दिलचस्पी से देख रही है। इसलिए, इस तरह की सार्वजनिक बहस न केवल एक बड़ी मिसाल कायम करेगी बलकि एक स्वस्थ और जीवंत लोकतंत्र की सच्ची छवि भी पेश करेगी।”इस के साथ ही जजों ने चिंता व्यक्त करते हुए पत्र में लिखा है कि एक दूसरे पर दिए गए बयानों से जनता तक संदेश अधूरा पहुंचता है और जनता यह जानने का हक रखती है कि उन्हें किसी भी मुद्दे के बारे में पूरी तरह शिक्षित किया जाए।

पत्र के अंत में जस्टिस मदन लोकुर और एपी शाह ने लिखा है कि दोनों नेता एक मंच पर आकर चुनाव के दौरान हावी मुद्दों पर बात करें। बहस का ये कार्यक्रम कहां होना चाहीए, कितने वक़्त का हो ? और कौन इसे मोडरेट करेगा ये आपसी सहमति से तय किया जाए। अगर दोनों नेता आने में असमर्थ हैं तो अपने प्रातिनिधियों को भेजा जा सकता है।

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