कुछ दिनों से हम खबरें सुन और पढ़ रहे हैं कि पंजाब में डीएपी खाद का संकट हो गया है। धान की फसल की कटाई जोरों पर है। गेहूं की बुआई एक नवंबर से शुरू होगी और बुआई के लिए डीएपी खाद की जरूरत है।
दरअसल पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने डीएपी खाद संकट को लेकर फैल रही खबरों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि सरकार नवंबर तक किसानों को डीएपी खाद उपलब्ध करा देगी, क्योंकि नवंबर में गेहूं की बुआई शुरू हो जाती है। डीएपी खाद की कीमतें बढ़ गई हैं और केंद्र सरकार को राज्यों में डीएपी खाद की आपूर्ति करनी पड़ रही है। डीएपी का आयात और आपूर्ति केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न राज्यों में की जाती है। मांग के आधार पर इसे राज्यों को भेजा जाता है।
उन्होंने बताया कि पिछले साल पंजाब में आलू की बुआई के लिए करीब 85 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद की जरूरत पड़ी थी। हमने तब 30 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा का ऑर्डर दिया था। कैबनिट मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खाद की कमी का मुद्दा केंद्रीय खाद मंत्री जेपी नड्डा के सामने उठाया था, जिसके बाद उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी भी चीज की कमी नहीं रहने दी जाएगी। आज हमारे पास 3 लाख 15 हजार मीट्रिक टन से अधिक उर्वरक है। लेकिन पंजाब में खाद की कमी जैसी कोई बात नहीं है।
फसलों के लिए कृत्रिम डीएपी खाद की सप्लाई के सवाल पर गुरमीत सिंह खुड़िया ने कहा कि उस समय यह खाद मार्कफेड ने दो निजी कंपनियों से खरीदी थी। कृषि विभाग की टीम द्वारा उर्वरक के नमूने लिये गये। इसके बाद तुरंत कार्रवाई की गई है।