पंजाब : पंजाब विधानसभा में पानी के मुद्दे पर बोलते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पानी कोई 2-3 साल पुराना मुद्दा नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार शुरू से ही पंजाब को धकेलती आ रही है। उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि हरित क्रांति के दौरान पंजाब ने देश के भंडार भर दिए, लेकिन इसका पता तब चला जब हमारा भूमिगत जल खत्म हो गया और हरित क्रांति उन्हें महंगी पड़ गई।
उन्होंने कहा कि चावल उनका भोजन नहीं है, लेकिन वह देश के लिए चावल बीज रहे हैं। 9 गोविंद सागर झीलों जितना पानी वह धान की एक जमीन दौरान नीचे से निकाल लेते हैं। जिस गहराई से आज मालवा में पानी निकाला जा रहा है उसे गहराई से साउदी अरब वाले तेल निकाल रहे हैं और बोरवेलों का पानी गर्म निकल रहा है।
यहां तक कि मछली मोटरें भी जवाब दे चुके हैं, अब इससे आगे कहां चले जाएं? मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे पास पाइपों की कमी है और उन्होंने बेंगलुरु से पाइप मंगवाए हैं। उन्हें पिछली सरकारों की गलतियों की कीमत चुकानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि आज उन्होंने फिर से सुए और कस्सियां को दोबारा चलाया है।
आज नहरों का पानी 60 प्रतिशत से अधिक पानी का उपयोग हो चुका है और उन्होंने किसी के अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब ने 2014-15 में 70 प्रतिशत पानी का उपयोग किया और अब 2024-25 में 91 प्रतिशत नहरी पानी का उपयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रातों-रात बी.बी.एम. की बैठक बुलाई गई और पंजाब के साथ धक्का किया गया। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि वह किसके साथ है।