केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को लेकर जहां अन्य राज्यों द्वारा बजट का विरोध किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पंजाब के मुख्यमंत्री ने भी पेश किए गए केंद्रीय बजट का विरोध किया है। उन्होंने केंद्र पर पंजाब के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए केवल दो राज्यों का पक्ष लिया है, जबकि बजट पेश करने के दौरान पंजाब का जिक्र तक नहीं किया गया।
दरअसल, पंजाब के मुख्यमंत्री ने आज जिलों के उपायुक्तों और अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री मान ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में पंजाब का योगदान छिपा नहीं है और पंजाब पूरे देश का अन्नदाता है। इसलिए पंजाब को विशेष दर्जा मिलना चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार पंजाब को मिलने वाले अधिकार नहीं देती। इसलिए हम 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने पंजाब के आरडीएफ के 6 हजार करोड़ रुपये रोक रखे हैं। जीएसटी में भी पंजाब को कुछ नहीं दिया जा रहा है, लेकिन जब कटौती करने की जरूरत होती है तो तुरंत पंजाब का पैसा काट दिया जाता है, तो फिर हम नीति आयोग की इस बैठक में जाकर क्या करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट में पंजाब का नाम तक नहीं लिया गया और ना ही पंजाब के किसानों का कोई ज़िक्र था।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने देश के बजट को बीजेपी का बजट करार दिया और कहा कि मोदी जी ने अपना भविष्य बचाने के लिए लाखों लड़के-लड़कियों का भविष्य दांव पर लगा दिया है। केंद्र की ओर से पूरी घोषणा सिर्फ 2 राज्यों के लिए की गई। मोदी सरकार सिर्फ बीजेपी का बजट बनाती है, राष्ट्र का बजट नहीं।