Saturday, August 23, 2025
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मुख्यमंत्री की ओर से पंजाब को देश का औद्योगिक केंद्र बनाने के उद्देश्य से प्रमाणित पेशेवरों को सूचीबद्ध करने के लिए नीति शुरू

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चंडीगढ़, 22 अगस्तयहां प्रमाणित पेशेवरों को सूचीबद्ध करने के लिए नीति शुरू करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने विश्वास जताया कि यह पहल राज्य को देश में अग्रणी औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगी।

नीति की औपचारिक शुरुआत के बाद सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नीति औद्योगिक विकास को बड़ा बढ़ावा देगी और राज्य की प्रगति की गति को और तेज करेगी, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

नीति की शुरुआत को ऐतिहासिक पहल बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करते हुए उद्योगों के लिए रेगुलेटरी मंजूरी की प्रक्रिया को और सुगम बनाना है। खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा, ऑटो कंपोनेंट, हैंड टूल, साइकिल निर्माण, आईटी और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में पंजाब की औद्योगिक प्रगति को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब विश्व भर में निवेशकों के लिए पसंदीदा स्थान के रूप में उभर रहा है। भगवंत सिंह मान ने सुशासन, पारदर्शी नियमावली और कारोबार में आसानी के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करने के संबंध में पंजाब सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने पंजाब राइट टू बिजनेस एक्ट के तहत 45 दिनों के भीतर समयबद्ध मंजूरी और केवल तीन दिनों में सैद्धांतिक मंजूरी जैसे प्रमुख सुधार पेश किए हैं, जो अपने आप में एक बड़ा मील का पत्थर है। उन्होंने बताया कि नई नीति प्रमाणित पेशेवरों द्वारा तृतीय-पक्ष प्रमाणीकरण के लिए एक संरचित और पारदर्शी प्रणाली पेश करती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन पेशेवरों में मुख्य रूप से राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, प्रदूषण नियंत्रण कमेटियों या राज्य पर्यावरण विभागों से सेवानिवृत्त पर्यावरण इंजीनियर और आवश्यक इंजीनियरिंग योग्यता वाले सेवानिवृत्त एसोसिएट प्रोफेसर शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि ये प्रमाणित पेशेवर उद्योगों, विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्रों में व्हाइट, ग्रीन और ऑरेंज श्रेणी के तहत आने वाले उद्योगों को नियामक मंजूरी जैसे स्थापना के लिए सहमति/एनओसी, संचालन के लिए सहमति और पर्यावरण कानूनों के तहत अनुपालन की निगरानी आदि के लिए सुविधाएं प्रदान करेंगे। इस बात पर जोर देते हुए कि यह देश में अपनी तरह की पहली नीति है, उन्होंने कहा कि यह पर्यावरण संरक्षण को बनाए रखते हुए औद्योगिक मंजूरी की प्रक्रिया को तेज करेगी। भगवंत सिंह मान ने जोर देकर कहा कि यह पहल न केवल उद्योगों के लिए अनुपालन के बोझ को कम करेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करते हुए स्वच्छ हवा-पानी, टिकाऊ विकास और युवाओं के लिए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर भी सुनिश्चित करेगी।

मुख्यमंत्री ने उद्योगों, पेशेवरों और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) से आगामी समय में पंजाब को तैयार, वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ राज्य बनाने के लिए मिलकर काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नए पर्यावरण विशेषज्ञों को सूचीबद्ध करके विभिन्न बाधाओं को दूर कर रही है और प्रमाणित पेशेवरों को औद्योगिक प्रस्तावों को मंजूरी देने का अधिकार प्रदान करके नोटरी की तरह अधिक सशक्त बना रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी विशेषज्ञता उद्योग को अधिक लाभ पहुंचाएगी, सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाएगी और औद्योगीकरण की गति को और तेज करेगी।

इसे उद्यमियों के लिए ऐतिहासिक दिन बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब परंपरागत रूप से एक कृषि प्रधान राज्य है और इसके साथ ही उनकी सरकार युवाओं के लिए रोजगार के भरपूर अवसर पैदा करने के लिए औद्योगिक विकास को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि पंजाब सरकार के ठोस प्रयासों के कारण ब्रेन ड्रेन के रुझान को उलट दिया गया है और पंजाब में अब “ब्रेन गेन” का युग शुरू हो गया है। भगवंत सिंह मान ने उद्यमियों को इस नेक पहल का समर्थन करने का आह्वान किया और पेशेवरों से इस अनूठे प्रयास में पूरे दिल से योगदान देने की अपील की।

इस अवसर पर विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण सचिव प्रियांक भारती, पीपीसीबी की चेयरपर्सन रीना गुप्ता और अन्य उपस्थित थे।

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