पंजाब की जेलों में कैदी महिलाओं के बच्चों का आंगनवाड़ी केंद्रों में होगा नामांकन: डॉ. बलजीत कौर


चंडीगढ़, 4 जनवरी:

राज्य की जेलों में कैदी महिलाओं के बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में नामांकित कर पोषक आहार देने और प्रारंभिक शिक्षा से जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे। यह घोषणा सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने फरीदकोट जेल के दौरे के दौरान की।कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने फरीदकोट की मॉडर्न केंद्रीय जेल में कैदी महिलाओं से मुलाकात कर उनकी बुनियादी जरूरतों का आकलन किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार कैदी महिलाओं और उनके बच्चों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। इस पहल के तहत जेल में कैदी महिलाओं के बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में दाखिला दिलाकर उन्हें पूरक पोषण कार्यक्रम का लाभ दिया जाएगा और प्रारंभिक शिक्षा कार्यक्रमों से जोड़ा जा सके।

मंत्री ने बताया कि कैदी महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें कौशल विकास के अवसर प्रदान करने, आत्मनिर्भर बनाने और जेल से बाहर की जिंदगी के लिए तैयार करने हेतु जेल में सिलाई केंद्र शुरू किया गया है। इसके अतिरिक्त, जेल में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें महिलाओं ने अपनी प्रतिभा और रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हुए उत्साह से भाग लिया।

डॉ. बलजीत कौर ने जेलों में कैदी महिलाओं के बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि आंगनवाड़ी केंद्र इन बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए पोषक भोजन और बुनियादी शिक्षा प्रदान करने में अहम भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार, महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान करने हेतु जागरूकता शिविरों का आयोजन कर रही है। इन सुविधाओं का लाभ हर महिला तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं ताकि कोई भी महिला इनसे वंचित न रहे।

उन्होंने कहा कि हाल ही में जिला फरीदकोट में भी ऐसे शिविर का आयोजन कर महिलाओं को इन सुविधाओं का लाभ प्रदान किया गया।

मंत्री ने आगे कहा कि जेल में कैदी महिलाओं की स्वास्थ्य जांच, उनकी शारीरिक स्थिति और उनके बच्चों की सुविधाओं का निरीक्षण करने के लिए यह दौरा किया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब को प्रगति की ओर ले जाने के लिए कैदी महिलाओं को भी साथ लेकर चलना होगा।

इस अवसर पर मंत्री ने महिलाओं को शिक्षा लेकर जेल से बाहर अपने रोजगार शुरू करने और उनके बच्चों के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी।

जेल अधीक्षक द्वारा जेल में कैदी महिलाओं के लिए किए गए प्रबंधों की सराहना करते हुए मंत्री ने उन्हें भविष्य में भी बेहतर प्रबंध जारी रखने के निर्देश दिए।

इस मौके पर उनके साथ सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक डॉ. शेना अग्रवाल और एसएसपी डॉ. प्रज्ञा जैन भी विशेष रूप से उपस्थित थीं।

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