पंजाब के सरकारी स्कूलों के बच्चों ने मारी बाजी: 260 विद्यार्थियों द्वारा जेईई (मेन्स) परीक्षा पास

चंडीगढ़, 23 अप्रैल:
पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस ने आज बताया कि राज्य के सरकारी स्कूलों के 260 विद्यार्थियों ने प्रतिष्ठित जेईई (मेन्स) परीक्षा पास की है, जो कि सरकारी स्कूलों में दी जा रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गवाही भरती है।
यहां पंजाब भवन में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए स. हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि यह विद्यार्थी अब जेईई (एडवांस्ड) परीक्षा में बैठेंगे। इन विद्यार्थियों की मेहनत को देखते हुए मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार ने इन विद्यार्थियों के लिए जेईई (एडवांस्ड) परीक्षा की तैयारी हेतु एसएएस नगर में समर कैंप लगाकर मुफ्त कोचिंग कक्षाओं का प्रबंध किया है।इस शानदार उपलब्धि के लिए विद्यार्थियों, उनके अध्यापकों और माता-पिता को बधाई देते हुए स. हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि इन विद्यार्थियों की सफलता न सिर्फ विद्यार्थियों की बल्कि उनके अध्यापकों और माता-पिता की कड़ी मेहनत और समर्पण का भी प्रमाण है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पंजाब सरकार सभी विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सरकारी स्कूलों के लिए उपलब्ध बुनियादी ढांचे और संसाधनों को और बेहतर बनाने की दिशा में ठोस प्रयास कर रही है, ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी और बेहतर प्रदर्शन कर सकें।शिक्षा मंत्री ने शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहित कुमार गर्ग स्कूल ऑफ एमिनेंस, समाना के विद्यार्थी अर्शदीप सिंह की दिल को छू लेने वाली कहानी भी साझा की, जिसने जेईई (मेन्स) क्वालीफाई करके अपनी मुश्किलों को उम्मीदों में बदल दिया है। पटियाला जिले के निवासी अर्शदीप ने जेईई (मेन्स) में बहुत बढ़िया 97.79 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। अपने पिता सुखविंदर सिंह की मृत्यु के उपरांत अर्शदीप की जिंदगी बहुत मुश्किल हो गई थी। उसकी मां सुनीता रानी एक स्थानीय प्राइवेट स्कूल में अथक मेहनत करके सालाना एक लाख से कम आय में परिवार का गुजारा चला रही है। अनेकों वित्तीय कठिनाइयों के बावजूद, उसने अर्शदीप में शिक्षा, कड़ी मेहनत और कभी भी हार न मानने का जज्बा भरा।उन्होंने बताया कि स्कूल ऑफ एमिनेंस और “पेस” प्रोग्राम के माध्यम से मिले समर्थन के कारण अर्शदीप को बहुत लाभ हुआ। इन पहलों से उसका सिर्फ अकादमिक मार्गदर्शन ही नहीं हुआ, बल्कि उसे बड़े सपने देखने का हौसला भी मिला। अब वह अपने परिवार के लिए एक बेहतर भविष्य बनाने और समाज के लिए कुछ कर गुजरने के लिए तत्पर है।

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