चंडीगढ़ 13 अगस्त:
चाइल्ड हेल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए, जिला बाल सुरक्षा यूनिट (डीसीपीयू) और अन्य हितधारकों ने गांव संग्राहूर (सादिक), जिला फरीदकोट में 16 वर्षीय लड़की का प्रस्तावित बाल विवाह सफलतापूर्वक रोक दिया।
पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री, डॉ. बलजीत कौर ने अधिकारियों और हितधारकों द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि नाबालिगों के अधिकारों की रक्षा के लिए बाल सुरक्षा कानूनों का कड़ाई से लागू होना अत्यंत आवश्यक है।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि यह कार्रवाई किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत की गई। बच्ची को बचाकर बाल कल्याण कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां उसे परामर्श देने के बाद आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए।
बच्ची को माता-पिता के हवाले उनके इस वायदे पर किया गया कि वे उसकी सुरक्षा, शिक्षा और समग्र भलाई को सुनिश्चित करेंगे। बच्ची के हितों की रक्षा के लिए नियमित निगरानी और फॉलो-अप जारी रहेगा।
डॉ. बलजीत कौर ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की पंजाब को बाल विवाह मुक्त राज्य बनाने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि इस मिशन को सफल बनाने के लिए राज्य भर में जागरूकता फैलाने, रोकथाम सुनिश्चित करने और कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने की प्रणाली को लगातार मजबूत किया जा रहा है, ताकि हर बच्चे का बचपन सुरक्षित और सुनहरा बन सके।
मंत्री ने लोगों से अपील की कि राज्य को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए सरकार का पूरा सहयोग करें और यदि किसी को अपने आस-पास बाल विवाह की जानकारी हो तो समय रहते चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर सूचित करें। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सूचना देने वाले का नाम पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा।