पेट दर्द होने पर इलाज के लिए मंगलवार सुबह अस्पताल लाए गए 11 साल के बच्चे की मौत हो गई। परिजन और उनके साथियों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया और हंगामा शुरू कर दिया। आरोप है कि बच्चा पेट दर्द से तड़पता रहा, लेकिन अस्पताल में किसी ने उसका इलाज नहीं किया। परिजन ने ड्यूटी डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ पर हत्या का केस दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
मामला टोंक के सआदत जिला हॉस्पिटल परिसर स्थित जनाना अस्पताल का है। सूचना मिलने पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को समझाया। इसके बाद पोस्टमॉर्टम करवा कर शव परिजन को सौंप दिया। मामले में अस्पताल प्रशासन ने कंपाउंडर को सस्पेंड कर दिया है।
पीएमओ डॉक्टर बीएल मीना ने बताया- ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर इरफानुद्दीन ने बच्चे को देखा था। हालत खराब होने पर उसे जयपुर के SMS हॉस्पिटल रेफर कर दिया था। इसके कुछ समय बाद ही बच्चे की मौत हो गई।
बरोनी थाना क्षेत्र के नला निवासी पिता अशोक बैरवा ने बताया कि बेटे आयुष को मंगलवार सुबह करीब 4 बजे पेट दर्द हुआ। उसके बाद उसे निवाई के सरकारी अस्पताल लेकर गए। जहां उसका इलाज किया गया। बच्चे की हालत को देखते हुए डॉक्टर ने टोंक के सआदत जिला हॉस्पिटल परिसर स्थित जनाना अस्पताल रेफर कर दिया।
सुबह करीब 6:30 बजे टोंक के जनाना अस्पताल लेकर आए, जहां कोई डॉक्टर नहीं मिला। उसके बाद हम नर्सिंग स्टाफ के सामने गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी। आखिरकार 2 घंटे बाद करीब 8:30 बजे बच्चे ने दम तोड़ दिया।