धान की नई फसल के बाजारों में आने से पहले पंजाब में एफ.सी.आई. गोदाम खाली न होने पर मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने जो चिंता जताई है वह जायज है। दरअसल केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रह्लाद जोशी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य के गोदामों की अनाज भंडारण क्षमता 171 लाख मीट्रिक टन है। ये गोदाम पहले से ही 121 लाख मीट्रिक टन धान और 50 लाख मीट्रिक टन गेहूं से भरे हुए हैं। ऐसे में नई फसल के भंडारण की समस्या आना स्वाभाविक है। धान की सरकारी खरीद एक अक्टूबर से शुरू हो रही है।
इस कारण जरूरी है कि गोदामों को जल्द खाली किया जाए ताकि बाजारों से खरीदे गए धान को गोदामों तक पहुंचाने में कोई दिक्कत न हो। अगर गोदाम खाली नहीं होंगे तो नये खरीदे गये धान को बाजारों से लाना मुश्किल हो जायेगा। पत्र में यह भी कहा गया है कि इस साल मई से, गैर-खाली गोदामों का मुद्दा राज्य सरकार के लिए सिरदर्द रहा है क्योंकि शेलर केंद्रीय पूल के लिए अलग किए गए चावल को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों में भेजना चाहते है, लेकिन एफ.सी.आई इन चावलों की डिलीवरी लेने की स्थिति में नहीं है।
हालांकि गोदामों के खाली न होने की समस्या पंजाब के लिए नई नहीं है, क्योंकि एफ.सी.आई और अन्य केंद्रीय एजेंसियां खाद्यान्न उत्पादन और सरकारी खरीद के अनुरूप भंडारण क्षमता विकसित करने में विफल रही हैं। राज्य में निजी साइलो के निर्माण को उत्साहवर्धक तरीके से बढ़ावा नहीं दिया गया है, जिसका खामियाजा राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार को भी भुगतना पड़ा है। गोदामों के बाहर पड़े अनाज के जल्दी खराब होने की संभावना हमेशा बनी रहती है।