भाजपा नेता से नकदी, कार पकड़ी

बेंगलुरु: एक चौंकाने वाले खुलासे में, बेंगलुरु सिटी पुलिस की केंद्रीय अपराध शाखा ने बीजेपी-टिकट के बदले पैसे घोटाले से जुड़े धोखाधड़ी के जाल का पर्दाफाश किया है। सावधि जमा और 40 लाख रुपये नकद, 23 लाख रुपये से अधिक मूल्य के सोने के आभूषण और एक स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन सहित 1.1 करोड़ रुपये की चौंका देने वाली संपत्ति जब्त करने का यह मामला पूरे क्षेत्र में सदमे की लहर पैदा कर रहा है। मुख्य संदिग्ध, चैत्र कुंदापुर, वर्तमान में विक्टोरिया अस्पताल में चिकित्सा उपचार प्राप्त कर रही है, जिससे इस उभरती गाथा में साज़िश की एक और परत जुड़ गई है।

कैश-फॉर-बीजेपी टिकट घोटाला

इस घोटाले के केंद्र में एक प्रमुख दक्षिणपंथी कार्यकर्ता चैत्रा कुंडापुर और उनके सात सहयोगी हैं, जिन पर शहर के एक व्यवसायी से 5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। उनका वादा? आगामी विधानसभा चुनावों में बिंदूर से उन्हें एक प्रतिष्ठित भाजपा टिकट सुरक्षित करना। हालाँकि, उनकी भव्य योजना उजागर हो गई है, जिससे जब्त की गई संपत्ति और अनुत्तरित सवालों का पता चला है।

जांच के जाल में उडुपी, कुंडापुर और आसपास के इलाकों सहित कई स्थानों से नकदी और सोना जब्त किया गया है। इसके अतिरिक्त, हाल ही में खरीदी गई एक एसयूवी, जिसे मार्च में खरीदा गया था, को बागलकोट में जब्त कर लिया गया है। एक ड्राइविंग स्कूल के मालिक, दक्षिणपंथी कार्यकर्ता किरण गणप्पागोल से जुड़ी इस एसयूवी का पता एक खेत से लगाया गया था और माना जाता है कि इसने इस जटिल साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

चैत्र कुंडपुर की रहस्यमयी बीमारी

सामने आ रहे नाटक में अप्रत्याशित मोड़ तब आया जब चैत्र कुंदापुर पुलिस हिरासत में बीमार पड़ गईं। वह वर्तमान में विक्टोरिया अस्पताल में चिकित्सा उपचार प्राप्त कर रही है, जिससे इस पहले से ही जटिल मामले में साज़िश की एक परत जुड़ गई है। हालाँकि, एक प्रमुख खिलाड़ी मायावी बना हुआ है – हिरेहादगली के एक पुजारी अभिनव हलश्री स्वामी, जिन पर पीड़ित व्यवसायी से 1.5 करोड़ रुपये प्राप्त करने का आरोप है।

एक विस्तृत जांच

जैसे-जैसे जांच गहरी होती जा रही है, इस जटिल जाल की और परतें खुलती जा रही हैं। चैत्र से जुड़े किरण गणप्पागोल को मामले के सिलसिले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। अधिकारी इस बड़े घोटाले की तह तक जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसने इस क्षेत्र का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया है।

भाजपा के टिकट के बदले नकद घोटाला राजनीतिक चालबाज़ी की जटिलताओं और परिणामों की स्पष्ट याद दिलाता है, जिससे जनता धोखे और साज़िश की इस मनोरंजक कहानी में आगे के विकास का बेसब्री से इंतजार कर रही है।

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