जालंधर : सिविल सर्जन ऑफिस जालंधर में हुए कथित घपले जिसमें करोड़ों रुपए की दवाइयों और अन्य सामान, जिसकी पेमैंट लेने के लिए सप्लायर दर-दर ठोकरें खा रहे हैं, सेहत मंत्री पंजाब डा. बलबीर सिंह ने कहा है कि मामला उनके ध्यान में है। जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में भ्रष्टाचार को लेकर सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है। भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ‘सारे दोषी टंगे जाणगे’। एक भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा। सप्लायर्स के करोड़ों रुपए सिविल सर्जन दफ्तर में फंस चुके हैं। चंडीगढ़ में उच्च स्तरीय जांच कमेटी की 28 मई 2024 को वित्त योजना भवन में हुई बैठक के दौरान तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. जगदीप चावला द्वारा वहां पर इस बात को माना गया कि सन 2019 से 2022 तक लोकल लेवल पर की गई परचेज संबंधी रिकॉर्ड में टैंडर्स, कोटेशनस इत्यादि नहीं है। इसके उपरांत 30 अगस्त 2024 को डायरैक्टर एन.एच.एम. पंजाब ने पत्र नंबर पीबी-एमडी-एनएच एम /2024/डीआईआर / 870 जारी करके सिविल सर्जन जालंधर को निर्देश दिए थे कि मामले की जांच करके दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानून के मुताबिक एफ.आई. आर. दर्ज करवाई जाए तथा इसकी पूरी रिपोर्ट 15 दिन के भीतर उनके पास जमा करवाई जाए।