चंडीगढ़, 2 मई
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार विरोधी चल रही मुहिम के दौरान, तरनतारन के पूर्व विधायक के पुत्र और पुत्रवधू और नगर कौंसिल तरनतारन के कार्यकारी अधिकारी (ई.ओ.), क्लर्क और एक फर्म के मालिक के खिलाफ कौंसिल के फंडों में बड़ी हेराफेरी करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। इस केस में उपरोक्त आरोपी ईओ, क्लर्क और फर्म के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
आज यहां यह जानकारी देते हुए राज्य विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में स्थानीय निकाय विभाग द्वारा की गई चेकिंग के नतीजों के आधार पर हुई विजिलेंस जांच के आधार पर केस दर्ज किया गया है। इस केस को अगली जांच के लिए विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दिया गया था। इसके बाद, जांच के आधार पर, उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो की अमृतसर रेंज के थाने में भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13(2) के साथ-साथ 13(1) और आईपीसी की धारा 409, 420, 465, 467, 468, 471, 120-बी के तहत एफआईआर नंबर 22, दिनांक 02.05.2025 दर्ज की गई है।
प्रवक्ता ने बताया कि इस केस के आरोपियों में शरणजीत कौर, कार्यकारी अधिकारी (अब निलंबित) और नगर कौंसिल तरनतारन का क्लर्क नरिंदर कुमार, पूर्व विधायक धर्मवीर अग्निहोत्री का पुत्र संदीप कुमार अग्निहोत्री और उनकी पत्नी ज्योति सचदेवा, जो कि मेसर्स एम.के. पद्म पेट्रोलियम की मालिक हैं और न्यू पवन नगर, अमृतसर के निवासी राजीव गुप्ता, जो मेसर्स शार्प फोकस विजन प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एसआर एंटरप्राइजेज लिमिटेड के शेयरधारक हैं, शामिल हैं।
इस केस में, शरणजीत कौर, ईओ और नरिंदर कुमार क्लर्क, दोनों नगर कौंसिल, तरनतारन में तैनात, और उपरोक्त प्राइवेट फर्म के मालिक राजीव गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है।
प्रवक्ता ने खुलासा किया कि जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि उपरोक्त कार्यकारी अधिकारी द्वारा 2017-2022 के वर्षों के दौरान धोखाधड़ी वाले लेन-देन किए गए थे। उसने मेसर्स सिद्धू कंस्ट्रक्शन कंपनी, मेसर्स ब्रदर कंस्ट्रक्शन कंपनी और मेसर्स फ्रेंड्स एसोसिएशन को विभिन्न चेकों के माध्यम से गलत भुगतान किए थे। इसके अलावा, पूर्व विधायक धर्मवीर अग्निहोत्री के पुत्र संदीप कुमार अग्निहोत्री के साथ मिलकर, दोषी ईओ ने उनके कंपनियों मेसर्स शार्प फोकस विजन प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एसआर एंटरप्राइजेज को भी जाली भुगतान किए थे।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि स्थानीय निकाय विभाग पंजाब द्वारा की गई चेकिंग के दौरान, उपरोक्त जाली अदायगी की वसूली तो हो गई, लेकिन 27,88,000 रुपये की राशि अभी भी बकाया है। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि संदीप कुमार अग्निहोत्री ने अपनी पत्नी ज्योति सचदेवा की मालिकानी वाले मेसर्स एमके पद्म पेट्रोलियम के नाम पर जारी किए गए 4,41,03,086 रुपये के जाली भुगतान भी प्राप्त किए थे। बाद में, संदीप अग्निहोत्री ने इस जाली अदायगी का कुछ हिस्सा नगर कौंसिल तरनतारन के खातों में वापस जमा करवा दिया, लेकिन 35,45,404 रुपये अभी भी बकाया हैं। बकाया बिलों के आंशिक अदायगी के बाद मेसर्स एमके पद्म पेट्रोलियम की तरफ कुल 1,05,30,628 रुपये की बकाया राशि पाई गई। इसके अलावा, प्रमुख सचिव, स्थानीय निकाय, पंजाब द्वारा प्रदान की गई विभागीय निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार, ई.ओ. शरणजीत कौर ने क्लर्क राजीव कुमार (अब मृत), जो कि उसके दफ्तर में तैनात था और उपरोक्त क्लर्क नरिंदर कुमार को बिना किसी बिल या वर्क ऑर्डर के भुगतान जारी किए थे।
तथ्यों से यह स्पष्ट हो गया कि ईओ शरणजीत कौर ने उपरोक्त संदीप कुमार अग्निहोत्री के साथ मिलकर अपने पद का दुरुपयोग किया और उनकी फर्जी फर्मों मेसर्स शार्प फोकस विजन प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एसआर एंटरप्राइजेज को गैर-कानूनी भुगतान किए थे। इसके अलावा, यह भी पाया गया कि 14,61,980 रुपये, 3,25,000 रुपये और 2,09,400 रुपये का भुगतान बिना किसी टेंडर या कोटेशन के विभिन्न फर्मों को किया गया था।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि केस जांच अधीन है और जाली भुगतान प्राप्त करने वाले निजी व्यक्तियों की भूमिका की जांच के दौरान पुष्टि की जाएगी। आरोपियों को कल सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा।