मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दूरदर्शी नेतृत्व और बागवानी मंत्री मोहिंदर भगत की सहृदय निगरानी में पंजाब सरकार बागवानी क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास कर रही है। बागवानी विभाग, जो पंजाब में कृषि बुनियादी ढांचा कोष (ए.आई.एफ.) लागू करने के लिए नोडल एजेंसी भी है, ने शुक्रवार को मैगसीपा, चंडीगढ़ में एक राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य ए.आई.एफ. योजना की प्रगति की समीक्षा करना और बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित करना था।इस कार्यक्रम में बागवानी, रक्षा सेवा कल्याण और स्वतंत्रता सेनानी मामलों के मंत्री श्री मोहिंदर भगत मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, जबकि बागवानी एवं भूमि तथा जल संरक्षण विभाग के सचिव श्री मोहम्मद तैयाब विशेष अतिथि थे।भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जुलाई 2020 में शुरू की गई ए.आई.एफ. योजना का उद्देश्य कृषि और बागवानी मूल्य श्रृंखला में कटाई के बाद के प्रबंधन बुनियादी ढांचे का विकास करना है। इस योजना के क्रियान्वयन में पंजाब ने महत्वपूर्ण प्रगति की है और अग्रणी राज्यों में से एक बना हुआ है।बागवानी मंत्री श्री भगत ने सम्मेलन के दौरान कृषि बुनियादी ढांचा कोष (ए.आई.एफ.) योजना पर एक विस्तृत पुस्तिका भी जारी की। उन्होंने कहा कि पंजाब ने ए.आई.एफ. फंड के उपयोग में अग्रणी स्थान हासिल किया है।मीडिया से बातचीत के दौरान मंत्री ने बताया कि पंजाब ने ए.आई.एफ. योजना के तहत 21,740 स्वीकृत परियोजनाओं के माध्यम से 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया है। उन्होंने बताया कि 5,161 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 4,580 करोड़ रुपये विभिन्न वित्तीय संस्थानों द्वारा वितरित किए जा चुके हैं। इस योजना के तहत स्वीकृत परियोजनाओं की संख्या के मामले में पंजाब अब देश के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शीर्ष स्थान पर है।
उन्होंने आगे बताया कि इस योजना का सर्वाधिक लाभ उठाने वाले पंजाब के अग्रणी जिलों में लुधियाना, बठिंडा, फाजिल्का, संगरूर और पटियाला शामिल हैं। इस योजना के तहत कोल्ड स्टोरेज यूनिट, प्रोसेसिंग सेंटर, कस्टम हायरिंग सेंटर, वेयरहाउस, सॉर्टिंग और ग्रेडिंग यूनिट तथा सौर पैनलों की स्थापना में सहायता दी गई है। पंजाब के 9 जिले देश के शीर्ष 10 जिलों में शामिल हैं जिन्होंने सबसे अधिक ए.आई.एफ. परियोजनाएं स्वीकृत की हैं।
सम्मेलन में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले जिलों, बैंकों और अधिकारियों को सम्मानित किया गया। बागवानी मंत्री ने उन जिलों को सम्मानित किया जिन्होंने परियोजनाओं की स्वीकृति में उत्कृष्ट कार्य किया, जिनमें लुधियाना (2,305), बठिंडा (2,269), फाजिल्का (2,165), संगरूर (2,155), पटियाला (2,088), श्री मुक्तसर साहिब (1,631), फिरोजपुर (1,104), मोगा (1,067) और मानसा (1,021) शामिल हैं।
उन्होंने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक को 60 दिनों के भीतर ऋण मंजूर करने के लिए धन्यवाद दिया। विशेष रूप से, एसबीआई को 1,598.1 करोड़ रुपये की स्वीकृति देने के लिए सम्मानित किया गया, जो कि पंजाब के कुल ए.आई.एफ. अनुमोदन का 31% है।
मंत्री ने कहा कि मान सरकार पंजाब को ‘रंगला पंजाब’ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार लगातार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है ताकि उन्हें नौकरियों की तलाश में विदेशों की ओर न देखना पड़े।
बागवानी सचिव मोहम्मद तैयाब ने बागवानी के विस्तार और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।बागवानी की निदेशक शैलेंद्र कौर ने कृषि विविधता में निरंतर प्रयासों का भरोसा दिया, जबकि सी पी एम यू कृषि और किसान भलाई मंत्रालय से राकेश अरोड़ा ने राष्ट्रीय कृषि परिवर्तन में पंजाब की भूमिका की सराहना की।
सम्मेलन में भटिंडा के उपयुक्त श्री शौकत अहमद परे, एल एल बी सी से सुमंत कुमार, सी पी एम यू से राकेश कुमार अरोड़ा,नाबार्ड के महा प्रबंधक श्रीमती अंबिका ज्योति, सीनियर सरकारी अधिकारियों,बैंक प्रतिनिधि और अन्य उपस्थित थे।