यूपीएससी लैटरल एंट्री नियुक्तियों को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने फिर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोला है। आप नेता पवन कुमार टीनू ने कहा कि भाजपा की सोच ही दलित विरोधी है। वह वर्षों से अनुसूचित जाति- जनजाति आरक्षण खत्म करने की साज़िश रच रही है।
वीरवार को पार्टी मुख्यालय चंडीगढ़ में मीडिया को संबोधित करते हुए पवन कुमार टीनू ने कहा कि जब 2018 में लैटरल एंट्री माध्यम से नियुक्तियां हुई उस समय यूपीएससी को प्रधानमंत्री कार्यालय से निर्देश जाता था। उन्होंने मीडिया को एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट भी दिखाई जिसमें कहा गया था कि कम से कम 50 पद लैटरल एंट्री के लिए रखा जाए।
टीनू ने कहा कि लैटरल एंट्री का मकसद उच्च पदों में आरक्षण खत्म करना था इसलिए भाजपा सरकार ने इसके तहत एक-एक कर नियुक्ति की क्योंकि अगर इकट्ठे 50-60 नियुक्तियां करते तो फिर उन्हें आरक्षण के संवैधानिक नियमों का पालन करना पड़ता। उन्होंने कहा कि ऐसी नियुक्ति के लिए यूपीएससी को मात्र दो तीन दिन का ही समय दिया जाता था ताकि किसी को पता न चले और विवाद न हो।
इस बार उनकी पोल खुल गई क्योंकि इकट्ठे 45 नियुक्तियों के लिए विज्ञापन दे दिया। ये फैसला भी सिर्फ इसलिए वापस लिया गया क्योंकि चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। अगर चुनाव नहीं होते तो फैसला नहीं बदलता। उन्होंने कहा कि इस बार जब बीजेपी फंस गई तो मामला यूपीएससी पर फेंक दिया, जबकि सारा निर्णय केन्द्र सरकार था। दरअसल भाजपा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को मिले संवैधानिक आरक्षण खत्म करना चाहती है।