पंजाब के किसानों से तीन काले कानूनों का बदला लेने के लिए भाजपा की केंद्र सरकार कर रही है साजिश – कंग

चंडीगढ़–कर्नाटक में पंजाब के चावल सैंपल को रिजेक्ट करने पर आप आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि हर साल धान खरीद से पहले एफसीआई उसकी क्वालिटी की जांच करती है और सारे मापदंडों पर खरा उतरने के बाद ही खरीदती है, फिर कर्नाटक की एफसीआई डिवीजन ने सैंपल फेल कैसे किए?

‘आप’ सांसद और पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि कर्नाटक ने पंजाब के चावलों को लेकर जो कहा है उसे देखकर स्पष्ट तौर पर लगता है कि पंजाब के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश हो रही है। उन्होंने कहा कि इस साल केंद्र सरकार एमएसपी पर पंजाब का धान खरीदने से कतरा रही है और तरह-तरह के बहाने बना रही है। ये सब केवल पंजाब से धान न खरीदने के बहाने हैं।

दरअसल ये सब काले कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन का बदला लेने के लिए किया जा रहा है। कंग ने पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के पूर्व में दिए बयान का जिक्र किया कि ‘भाजपा सरकार लंबे समय तक एमएसपी नहीं देगी’।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार की इस मुद्दे को लेकर मंशा शक के घेरे में है। भाजपा काले कृषि कानूनों को पीछे के दरवाजे से लागू करना चाह रही है। एमएसपी को लेकर शुरू से ही केंद्र सरकार की मंशा में खोट रही है और उनके मंत्रियों के पूर्व में दिए बयानों से साफ जाहिर भी होता है। कंग ने कहा कि इस घटना से भारत सरकार का किसानों के प्रति नकारात्मक रवैया फिर से उजागर हुआ है। यह सिर्फ पंजाब के किसानों को परेशान करने और बदला लेने की साज़िश है।

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