शिरोमणि अकाली दल और उसके विद्रोही समूह को झटका देते हुए जालंधर पश्चिम विधानसभा उपचुनाव के लिए शिअद उम्मीदवार सुरजीत कौर मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की उपस्थिति में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गईं। सुरजीत कौर को शिरोमणि अकाली दल ने जालंधर पश्चिम से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन अंदरूनी कलह के चलते उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
जानकारी के मुताबिक सुरजीत कौर की उम्मीदवारी की घोषणा शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने 20 जून को की थी, जिसके एक दिन बाद उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। हालांकि, लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद शिरोमणि अकाली दल में अंदरूनी कलह के कारण सुखबीर ने दो बार की नगर पार्षद से पार्टी का समर्थन वापस ले लिया, यह दावा करते हुए कि वह विद्रोही समूह से संबंधित हैं और उनकी उम्मीदवारी की घोषणा बीबी जागीर कौर और पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला ने मनमाने ढंग से की है।
जागीर कौर और वडाला, जो पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने मांग की है कि सुखबीर पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा दें, सुरजीत कौर के घर पहुंचे और उन्हें आश्वासन दिया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता उनके लिए प्रचार करेंगे और उनके अभियान के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे। हालांकि दोनों नेताओं ने सुरजीत कौर के लिए प्रचार भी शुरू कर दिया था, लेकिन उनका (सुरजीत कौर) पार्टी छोड़कर आप में शामिल होने का फैसला उनके लिए एक झटका था।
आपको यह भी बता दें कि शिरोमणि अकाली दल ने दो दशक से अधिक समय से जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ा है क्योंकि यह सीट तत्कालीन सहयोगी भाजपा को आवंटित कर दी गई थी। भाजपा पार्टी 1997 से 2020 तक शिरोमणि अकाली दल की सहयोगी रही है। 2022 में अकाली दल ने यह सीट बहुजन समाज पार्टी को दे दी, जिसके साथ उसका चुनावी समझौता था और शिअद-बसपा उम्मीदवार अनिल मीना को केवल 4,125 वोट मिले। अब शिअद ने अनुसूचित जाति आरक्षित सीट जालंधर पश्चिम पर बसपा उम्मीदवार को समर्थन दिया है।