चंडीगढ़/संगरूर, 2 मई:
पंजाब के वित्त मंत्री और “युद्ध नशों विरुद्ध” कैबिनेट सब कमेटी के चेयरमैन एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज संगरूर जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय पैलेस में आयोजित विलेज डिफेंस कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि भगवंत सिंह मान पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने नशा तस्करी को रोकने और पंजाब के जल संसाधनों को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य नशों के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है और नशा तस्करों को सख्त चेतावनी दी गई है कि यदि वे नशा बेचना नहीं छोड़ते तो उन्हें पंजाब छोड़ना पड़ेगा।
एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि सरकार नशे के पैसों से बने मकानों को तोड़ने और नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि युद्ध नशों विरुद्ध मुहिम अधीन यदि केवल जिला संगरूर में ही एन.डी.पी.एस. के तहत 240 मामले दर्ज हुए हैं और 332 गिरफ्तारियाँ की गई हैं, इसके अलावा करीब 9.20 लाख रुपये की नकदी भी जब्त की गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस कार्रवाई के साथ-साथ सरकार ने गाँव स्तर पर विलेज डिफेंस कमेटियाँ ( वी डी सी ) और शहरी स्तर पर वार्ड डिफेंस कमेटियाँ (डबल्यू डी सी) गठित की हैं, जो नशा विरोधी लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इन कमेटी सदस्यों को अपने-अपने क्षेत्रों में सख्त निगरानी रखने और नशा संबंधित जानकारी तुरंत पुलिस या प्रशासनिक अधिकारियों को देने के लिए कहा गया है। साथ ही, ये सदस्य नशा पीड़ित व्यक्तियों को पुनर्वास केंद्रों में इलाज के लिए भेजने और समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में भी मदद करेंगे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री बरिंदर गोयल ने भी वी डी सी और डबल्यू डी सी सदस्यों को ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सरकार दिन-रात नशा तस्करी को समाप्त करने के लिए काम कर रही है और तस्करों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि अब सीमाओं से ड्रोन के जरिए आ रहे नशे की खेपों को लेने वाला कोई नहीं बचा क्योंकि तस्कर ताले लगाकर अपने घर छोड़कर अन्य राज्यों की ओर भाग गए हैं। उन्होंने बताया कि अब तक ऐसे लगभग 60 मकान गिराए जा चुके हैं, जो नशे के पैसे से बनाए गए थे।
कैबिनेट मंत्री गोयल ने कहा कि मान सरकार नशों के खिलाफ निर्णायक युद्ध लड़ रही है, लेकिन अब केंद्र सरकार ने पंजाब पर एक और जंग थोप दी है, जिसके जरिए पंजाब के पानी की लूट की जा रही है। उन्होंने कहा कि बी.बी.एम.बी. द्वारा हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने का निर्णय पूरी तरह से गैरकानूनी है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की गलत नीतियों के कारण पंजाब पहले ही भूजल संकट से जूझ रहा है और जब मौजूदा सरकार ने खेतों को नहरों से सिंचाई देने की पहल की है, तो केंद्र की भाजपा सरकार और हरियाणा सरकार इस नहर के पानी की खुली लूट करना चाहती हैं।
इस मौके पर सांसद मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम की अगुवाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि नशे की समस्या को संसद में भी उठाया गया है और मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि ड्रोन की पंजीकरण अनिवार्य हो और सीमा पर उच्च तकनीकी उपकरण लगाए जाएँ ताकि ड्रोन से हो रही नशा तस्करी को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने नशा तस्करी रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए, लेकिन मान सरकार इसे जड़ से खत्म करने के लिए ठोस कदम उठा रही है।
संगरूर से विधायक नरिंदर कौर भराज ने कहा कि यह लोगों, प्रशासन, पुलिस और सरकार की सामूहिक जिम्मेदारी है और पंजाब के सभी 3 करोड़ लोगों को नशों के पूर्ण उन्मूलन के लिए मान सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वी डी सी सदस्यों को यह संकल्प लेना चाहिए कि वे नशा तस्करी को रोकेंगे और पीड़ितों का पुनर्वास करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान एसएसपी सरताज सिंह चहल और अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ज) अमित बैम्बी ने जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा नशा नियंत्रण हेतु किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने वी डी सी सदस्यों को उनके क्षेत्रों से नशे की बुराइयों को रोकने के लिए हरसंभव सहयोग देने का भरोसा भी दिलाया।
इस अवसर पर चेयरमैन गुरमेल सिंह घराचों, चेयरमैन महिंदर सिंह सिद्धू, चेयरमैन अशोक कुमार सिंगला, चेयरमैन राजवंत सिंह घुल्ली, ज़ोन कोऑर्डिनेटर जगदीप जग्गा, एडीसी (डी) सुखचैन सिंह पापड़ा, एसपी नवरीत सिंह विरक, एसपी दिलप्रीत सिंह, एसडीएम चरनजोत सिंह वालिया, एसडीएम ऋषव गर्ग, जसवीर सिंह जसी सेखों सहित अन्य प्रमुख व्यक्ति भी मौजूद थे।