चंडीगढ़ (छाबड़ा)- नशे की दलदल में डूबे पंजाब को नशा मुक्त बनाने की भगवंत सरकार की मुहिंम अब रंग ला रही है। पिछले कुछ दिनों के दौरान जिस तरह से भगवंत मान सरकार ने नशा तस्करों के खिलाफ व्यापक एक्शन लिया है, उससे नशा तस्कर अब इस धंधे से तौबा करने लगे हैं। पंजाब के हर शहर, कस्बे और गांव में भगवंत मान सरकार के युद्ध नशों के विरुद्ध मुहिंम की खूब चर्चा हो रही है। पिछले एक महीने से भी कम समय में नशा तस्करों के खिलाफ वो बड़े एकशन लिए गए हैं, जो इतिहास के अन्दर कोई भी सरकार नहीं ले पाई।
पंजाब में पिछली 1 मार्च 2025 से शुरू किए गए “युद्ध नशों के विरुद्ध” अभियान के तहत पुलिस ने शानदार प्रदर्शन किया है। सिर्फ तीन हफ्तों में 2,177 NDPS मामले दर्ज करना और 3,868 नशा तस्करों को गिरफ्तार करना इस गंभीर समस्या के खिलाफ हो रही कार्रवाई का प्रमाण है। यह पंजाब सरकार और पुलिस विभाग की मजबूत इच्छाशक्ति का नतीजा है।
इस अभियान के दौरान 135 किलो 527 ग्राम हेरोइन, 1,419 किलो 236 ग्राम पोस्ता भूसा, 82 किलो 895 ग्राम अफीम, 34 किलो 244 ग्राम गांजा, 5 किलो 852 ग्राम चरस और 7,58,085 नशीली टैबलेट/कैप्सूल/गोलियां बरामद की गईं। इनके साथ-साथ, 5.42 करोड़ रुपये नकद, 12 पिस्तौल, 4 कारें, 22 दोपहिया वाहन, 8 मोबाइल फोन और 498 शराब की बोतलें भी पुलिस ने जब्त कीं।
इस मेहनत का सीधा असर नशा तस्करों पर पड़ा है। 25 फरवरी 2025 से अब तक, 49 तस्कर मुठभेड़ के दौरान घायल हुए हैं और 43 अवैध संपत्तियां ध्वस्त की गई हैं। इसके अलावा, 7 वांछित अपराधी (Proclaimed Offenders) गिरफ्तार किए गए हैं और 27 व्यक्तियों के खिलाफ निवारक कार्रवाई की गई है।
इस अभियान के नतीजे अब सीधे लोगों के जीवन पर प्रभाव डालने लगे हैं। पंजाब के लोग, जो सालों से नशों की महामारी से पीड़ित थे, अब एक नई उम्मीद के साथ जी रहे हैं। नशा तस्करों की गिरफ्तारियां, अवैध संपत्तियों की तबाही और भारी मात्रा में नशीले पदार्थों की बरामदगी ने लोगों में यह विश्वास पैदा किया है कि अब पंजाब के बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सकता है।
गांवों और शहरों में लोग इस अभियान की जबरदस्त सराहना कर रहे हैं। माता-पिता, जिन्होंने अपने बेटों और बेटियों को नशों में डूबते देखा, अब पुलिस की इस कार्रवाई को एक नई रोशनी के रूप में देख रहे हैं। रोज़मर्रा की खबरों में नए-नए नशा तस्करों की गिरफ्तारियां और नशे की बरामदगी से लोगों में आत्मविश्वास बढ़ा है कि अब यह महामारी खत्म हो सकती है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, जो सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी (AAP) का प्रमुख चेहरा माने जाते हैं, ने इस अभियान के माध्यम से लोगों के दिलों में अपनी खोई हुई लोकप्रियता फिर से बहाल कर ली है। 2022 में पंजाब की सत्ता संभालने के बाद, उन्होंने वादा किया था कि नशे की जड़ को पंजाब की धरती से उखाड़ फेंका जाएगा। अब, “युद्ध नशों के विरुद्ध” अभियान ने लोगों को यह विश्वास दिलाया है कि भगवंत मान अपनी बातों पर कायम हैं।
पंजाब के लोग सवाल कर रहे थे कि क्या सरकार वास्तव में नशों के खिलाफ गंभीर है या यह भी पिछली सरकारों की तरह सिर्फ बयानों की राजनीति कर रही है? लेकिन अब, जब पुलिस की सख्त कार्रवाई सामने आ रही है, लोग खुशी ज़ाहिर कर रहे हैं कि भगवंत मान की अगुवाई वाली सरकार ने नशा माफिया के खिलाफ असली जंग शुरू कर दी है।
आज पंजाब की गलियों, बाज़ारों और गांवों में लोग इस अभियान की चर्चा कर रहे हैं। कई गांवों में युवा “नशा-मुक्त पंजाब” के लिए स्वयं-संकल्प ले रहे हैं। गुरुद्वारों, सामाजिक संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा भी पुलिस और सरकार की इस पहल की प्रशंसा की जा रही है।
यह सब दर्शाता है कि “युद्ध नशों के विरुद्ध” अभियान सिर्फ एक सरकारी प्रचार नहीं, बल्कि एक बड़ा क्रांतिकारी आंदोलन बनता जा रहा है। यदि यह लहर इसी तरह जारी रही, तो वह दिन दूर नहीं जब पंजाब फिर से “रंगला पंजाब” बनेगा।