आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा को आप पंजाब के नेताओं ने साहसिक और क्रांतिकारी कदम बताया है और अरविंद केजरीवाल की सराहना की है। दरअसल, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अरविंद केजरीवाल के फैसले की सराहना की और इसे क्रांतिकारी फैसला बताया। उन्होंने कहा कि यह बात कोई ईमानदार और जनपक्षधर नेता ही कह सकता है। अरविन्द जी की सोच को सलाम।
इसके साथ ही वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने भी कहा कि अरविंद केजरीवाल ने ये बड़ा फैसला लिया है। देश जानता है कि भारतीय जनता पार्टी ने उनके खिलाफ झूठा मामला बनाया। अब सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद ये साफ हो गया है कि अरविंद केजरीवाल पर लगे आरोप पूरी तरह से झूठे थे। हमें पूरा भरोसा है कि जब केजरीवाल घर से बाहर निकलेंगे तो लाखों लोग उनका समर्थन करने के लिए निकलेंगे। दिल्ली की जनता उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाएगी। यह त्याग की भावना है।
वहीं कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने देश में एक नई और ईमानदार राजनीति की शुरुआत की है, आज उन्होंने इस्तीफा देकर एक बार फिर अपनी ईमानदारी साबित की है। आम आदमी पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली में फिर से सरकार बनाएगी।
इसके साथ ही मंत्री अनमोल गगन मान ने कहा कि अब जनता तय करेगी कि अरविंद केजरीवाल दोषी हैं या ईमानदार। ये एक बड़ा फैसला है। वे जानते हैं कि उन्होंने 10 साल में दिल्ली का चेहरा बदल दिया है। उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में सुधार किया। महिलाओं के लिए मुफ्त पानी, बिजली और बस यात्रा। इसके सिवा उन्होंने सरकारी कार्यों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर लोगों को सुविधाएं प्रदान करके धन की बचत की। उनके इस्तीफे का कारण यह है कि उन्हें दिल्ली की जनता पर भरोसा है कि वे उन्हें चुनेंगे।
सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि एक नेता के लिए एक दिन के लिए भी कुर्सी छोड़ना बहुत मुश्किल काम है, ऐसा काम कोई ईमानदार व्यक्ति ही कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला अपने पक्ष में आने पर कोई नेता जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफा नहीं देता, अरविंद केजरीवाल जी ने साहसिक फैसला लिया है।
इसके सिवा मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि दिल्ली की जनता जानती है कि अरविंद केजरीवाल एक ईमानदार नेता हैं जो लोगों के लिए काम करते हैं। अब वे दिल्ली की हर गली में जाकर अपना पक्ष जनता के सामने रखेंगे और जनता के आशीर्वाद से दोबारा भारी बहुमत से सरकार बनाएंगे।