ऑपरेशन सिंदूर के सबसे छोटे योद्वा को सेना  ने किया सम्मानित 

फिरोजपुर–भारत-पाकिस्तान के बीच जब युद्ध चल रहा था, हमारी सेना ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकियों के ठिकानों को खत्म कर रही थी। इस दौरान फिरोजपुर का दस साल का एक बच्चा सरवण सिंह सेना की सेवा में जुटा हुआ था।
वह कभी सेना को मोर्चे पर खाना तो कभी लस्सी और चाय पहुंचा रहा था। वहीं, सेना ने अब उसकी मेहनत को सिविल वॉरियर सम्मान से नवाजा है। उसकी देशभक्ति पर गांव वाले ही नहीं, सेना वाले भी कायल हैं। सोशल मीडिया पर यह बच्चा अब इलाके का हीरो बन गया है। वहीं, सरवण खुद सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहता है।

यह बच्चा फिरोजपुर जिले के ममदोट गांव का रहने वाला है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने उसे ‘सबसे युवा नागरिक योद्धा’ के रूप में मान्यता दी है। भारतीय सेना के प्रति उनके समर्पण और सैनिकों के साथ उनके बंधन ने उन्हें 7 इन्फैंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल रणजीत सिंह मनराल द्वारा विशेष सम्मान दिलाया। सरवण के पिता सोना सिंह ने बताया, “सैनिक हमारी ज़मीन पर तैनात थे और पहले दिन से ही मेरे बेटे ने उनके लिए दूध, लस्सी, पानी और बर्फ ले जाना शुरू कर दिया। हमने उसे कभी नहीं रोका क्योंकि उसे सेना की सेवा करने में खुशी मिलती थी। वह नियमित रूप से उनसे मिलने जाता था और इससे हमें गर्व होता था। अब उसका सपना एक दिन सैनिक बनने का है।”

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