चंडीगढ़, 31 मईः
पंजाब सरकार ने पंजाब लघु उद्योग और निर्यात निगम ने प्लाटों के कलबिग और डी-कलबिग के लिए एक व्यापक पालिसी की मंजूरी से भूमि प्रयोग कुशलता को बढ़ाने की तरफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पंजाब भवन में एक प्रैस कान्फ़्रेंस को संबोधन करते हुये उद्योग और पूँजी प्रोत्साहन मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि इस फ़ैसले का उद्देश्य पी. एस. आई. ई. सी. के अधीन आते प्लाटों के कलबिग और डी-कलबिग के लिए एक ढांचागत और पारदर्शी विधि के लिए उद्योगपतियों और जायदाद मालिकों की लम्बे समय से चली आ रही माँग को हल करना है।
उन्होंने कहा कि यह फ़ैसला औद्योगिक हिस्सेदारों की ज़मीन के प्रयोग को अनुकूल बनाने और प्रोजैक्ट के विस्तार का समर्थन करने के लिए साथ लगते प्लाटों को मिलाने या बाँटने की लम्बे समय से चली आ रही माँगों का हल करेगा। सौंद ने बताया कि यह नीति पी. एस. आई. ई. सी. के अधिकार क्षेत्र के अधीन आने वाले प्लाटों के कलबिग या डी-कलबिग के लिए सभी आवेदनों पर लागू होगी।
उन्होंने आगे कहा कि क्लब किये जाने वाले या डी-क्लब किये जाने वाले प्रस्तावित प्लाटों की मालकी एक जैसी हो और आवेदन की तारीख़ पर लागू सभी बकाए अदा किये हों। क्लब वाले प्लाट उसी पैटर्न पर होने चाहिएं जैसे कि फ्री होल्ड या लीज़ होल्ड और उन पर लागू किये लीज़ डीड (जैसे लागू हो) होने चाहिएं। उन्होंने बताया कि शामिल प्लाटों के कुल क्षेत्र (सभी क्लब किये प्लाट या डी-क्लब किये प्लाट) की मौजूदा रिज़र्व मूल्य का 1 या अधिक से अधिक 50 लाख रुपए, जो भी कम हो, फीस के तौर पर लागू होगा।
उद्योग मंत्री ने बताया कि क्लब किये प्लाटों को सिर्फ़ मूल लेयआउट योजनाओं के अनुसार ही डी-क्लब किया जा सकता है। क्लब किये/ डी- क्लब किये प्लाट इमारती उप-नियमों, ज़ोनिंग नियम, वातावरण पालना आदि द्वारा नियंत्रित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह नीति पी. एस. आई. ई. सी. के अधिकार क्षेत्र के अधीन आने वाले सभी फोकल प्वाइंटों/ उद्योगिक अस्टेटों पर लागू होगी ( शैड्ड/ बूथों को छोड़ कर)।
इसके इलावा पहले से चल रही स्कीमों के अधीन अलग-अलग कारणों से पंजाब लघु उद्योग और निर्यात निगम के रद्द किये प्लाटों को बहाल करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार ने अपील अथॉरिटी का भी गठन किया था। अपील अथॉरिटी संबंधी नोटिफिकेशन 7 मई, 2025 को और कलबिग, डी-कलबिग संबंधी नीति का नोटिफिकेशन 19 मई, 2025 को किया गया था।
तरुनप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि पंजाब लघु उद्योग और निर्यात निगम (पी. एस. आई. ई. सी.) के रद्द किये प्लाटों को बहाल करने के लिए पंजाब सरकार ने अपील अथॉरिटी का गठन किया था। उन्होंने बताया कि 700 के करीब प्लाटों को दी गई समय सीमा में प्रोडक्शन में न लाने करके, जोन का उल्लंघन करने से और प्लाट की किश्तें समय पर न भरने के कारण प्लाटों की अलाटमैंट रद्द कर दी गई थी।
उन्होंने कहा कि अलॉटियों की तरफ से समय पर इस सम्बन्धी कोई कार्यवाही न कर सकने के कारण इन प्लाटों की अलाटमैंट बहाल नहीं हो सकी और 31. 03. 2022 में प्लाट बहाल करवाने सम्बन्धी पालिसी भी ख़त्म हो गई थी। अलाटी बार-बार सरकार पास से माँग कर रहे थे कि उनके प्लाट बहाल करवाए जाएँ और औद्योगिक विकास को उत्साहित करने के लिए मान सरकार ने एक विस्तृत योजना तैयार की और मंत्रीमंडल द्वारा पंजाब लघु उद्योग और निर्यात निगम द्वारा औद्योगिक प्लाट रद्द करने से सम्बन्धित शिकायतों के हल के लिए एक अपील अथॉरिटी बनाने की मंज़ूरी दी गई है।
सौंद ने बताया कि यह अथॉरिटी प्लाट धारकों को पी. एस. आई. ई. सी. के प्लाट रद्द करने के विरुद्ध अपील करने के लिए एक प्लेटफार्म प्रदान करेगा जिस कारण निरपेक्षता और पारदर्शिता को यकीनी बनाया जा सकेगा। इस अपील अथॉरिटी का उद्देश्य मुकदमेबाज़ी को घटाना, प्रतिक्रियात्मक चुनौतियों का सामना कर रही इकाईयों का समर्थन करना और प्रभावित अलाटियों को राहत प्रदान करना है और भविष्य में भी इस तरह के मुद्दों को रोकने के लिए यह अपील अथॉरिटी एक मील पत्थर साबित होगी। अलॉटी 30 सितम्बर, 2025 तक अपील कर सकते हैं या भविष्य में कोई अलाटमैंट बहाल करवाने के लिए प्लाट कैंसल होने से 6 महीने के अंदर अपील की जा सकती है।
सौंद ने कहा कि इस ऐतिहासिक फ़ैसले से पंजाब के औद्योगिक, व्यापारिक और रिहायशी क्षेत्रों में कारोबारों और व्यक्तियों के लिए नये मौके खुलेंगे और उद्योगपति अपने व्यापार को बढ़ा सकेंगे। उन्होंने सभी पंजाब के उद्योगपतियों को यह भी यकीन दिलाया कि पंजाब सरकार औद्योगिक विकास को मज़बूत करने के लिए वचनबद्ध है और आगे से भी उद्योग को नयी बुलन्दियों पर लेकर जाने के लिए निरंतर कोशिशें करती रहेगी।