पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और किसानों के बीच आज बैठक हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और नई कृषि नीति इस दिशा में एक सकारात्मक पहल होगी।
दरअसल, बीकेयू (उग्राहां) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब कृषि नीति का मसौदा तैयार है, लेकिन इसे किसानों के साथ चर्चा के बाद ही अंतिम रूप दिया जाएगा। 30 सितंबर तक ड्राफ्ट किसानों के साथ साझा किया जाएगा और नीति पर उनके सुझाव मांगे जाएंगें। इसके बाद किसानों के सुझावों को नीति में शामिल किया जाएगा, क्योंकि राज्य सरकार अनाज उत्पादकों पर कुछ भी थोपना नहीं चाहती बल्कि कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने के लिए उनसे परामर्श करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कर्ज के बोझ से दबे किसानों, जो सहकारी बैंकों का कर्ज चुकाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, को पर्याप्त राहत देने के लिए एकमुश्त निपटान योजना (ओटीएस) शुरू करने पर भी विचार कर रही है।
इसके सिवा, मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को जरूरतमंद व्यक्तियों को दिए जाने वाले पांच मरला भूखंडों के मामलों को निपटाने के साथ-साथ राज्य भर में पांच मरला भूखंडों को तीन से छह महीने के भीतर अवैध कब्जे से मुक्त करने के भी निर्देश दिए। साथ ही मुख्यमंत्री ने किसानों और खेत मजदूरों के प्रतिनिधिमंडल को दुधारू पशुओं की मौत पर मुआवजा, भूजल स्तर में गिरावट, जल प्रदूषण और पुराने नालों जैसे मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।