अमन अरोड़ा ने पंजाब विरोधी ताकतों को बढ़ावा देने के लिए प्रताप बाजवा को घेरा, कांग्रेस- भाजपा से स्पष्टीकरण मांगा

 

 

चंडीगढ़, 17 अप्रैल

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसे बेतुके बयान दिए हैं, जिससे पंजाब की शांति को खतरा पैदा हुआ है। बाजवा का बयान राज्य के विरोधियों के एजेंडे से मेल खाता है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी और भाजपा से इन भड़काऊ टिप्पणियों, विशेषकर गुरपतवंत पन्नू जैसे व्यक्तियों द्वारा समर्थन करने पर अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा।

वीरवार को अमन अरोड़ा ने पार्टी कार्यालय चंडीगढ़ में आप प्रवक्ता नील गर्ग के साथ इस मुद्दे पर एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। अरोड़ा ने बाजवा पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ नेता अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता को पुनर्जीवित करने के लिए बेताब हैं। इसलिए वे अब खतरनाक बयानबाजी कर रहे हैं। ये राजनेता लोगों के वास्तविक मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए निराधार बयानबाजी में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयां न केवल राज्य की सुरक्षा को कमजोर करती हैं, बल्कि लोगों में भय और दहशत भी पैदा करती हैं।

अरोड़ा ने पंजाब में ग्रेनेडों के कथित तौर पर प्रवेश करने संबंधी प्रताप बाजवा के बयान की आलोचना की और कहा, बाजवा ने इन दावों को खुफिया रिपोर्टों से जोड़ते हुए कहा था कि उनके स्रोत विश्वसनीय हैं, हालांकि बाद में उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी जानकारी एक अखबार की रिपोर्ट से प्राप्त हुई थी। अगर बाजवा ने यह स्वीकार कर लिया होता कि उनका स्रोत ‘दैनिक भास्कर’ की एक खबर है तो स्थिति वहीं खत्म हो गई होती। इसके बजाय उन्होंने सनसनीखेज दावे करने और डर फैलाने का विकल्प चुना।

अरोड़ा ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि एक अनुभवी राजनेता होने के बावजूद बाजवा जिम्मेदारी से काम करने के बजाय राज्य की संस्थाओं के प्रति जनता का विश्वास कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बाजवा को पंजाब पुलिस के साथ सहयोग करने और आगे भड़काऊ बयान देने की नसीहत दी और इसके लिए उन्होंने उच्च न्यायालय के निर्देश का भी हवाला दिया।

अमन अरोड़ा ने गुरपतवंत पन्नू जैसे चरमपंथी तत्वों द्वारा बाजवा की टिप्पणियों का इस्तेमाल करने पर सवाल उठाया और कहा, जब बाजवा जैसे नेता इस तरह के बयान देते हैं, तो इससे पन्नू जैसी राष्ट्र-विरोधी ताकतों को बढ़ावा मिलता है और फिर वे इस अवसर का उपयोग अपने विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए करते हैं।

अरोड़ा ने कांग्रेस और भाजपा दोनों से मांग की कि वे इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें। उन्होंने कहा, “कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि क्या वे बाजवा की खतरनाक टिप्पणियों और गुरपतवंत पन्नू द्वारा दिखाए गए समर्थन के साथ खड़े हैं। वहीं भाजपा को भी उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो देश की शांति और स्थिरता के खिलाफ सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।

उन्होंने गुरपतवंत पन्नू की गतिविधियों के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जो डोनाल्ड ट्रम्प के मित्र होने का दावा करते हैं, की चुप्पी पर भी चिंता जताई। उन्होंने सवाल किया कि गुरपतवंत पन्नू अमेरिका में रहता है और पंजाब में खिलाफ हिंसा भड़काना चाहता है, फिर भी भारत सरकार ने अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया? पन्नू को न्याय के कटघरे में लाने के लिए कोई कूटनीतिक दबाव क्यों नहीं बनाया गया?

उन्होंने सभी पार्टियों से अपील की कि वे बिना सोचे-समझे ऐसे बयान न दें, जिनसे पंजाब की सद्भावना को नुकसान पहुंचे। हमें इस विनाशकारी बयानबाजी को रोकने की जरूरत है जो केवल हमारे दुश्मनों के हितों की पूर्ति करती है। पंजाब की शांति, एकता और प्रगति किसी भी व्यक्तिगत या राजनीतिक एजेंडे उपर होना चाहिए।”

उन्होंने पंजाब के लोगों पर अपना भरोसा दोहराते हुए कहा कि पंजाब के लोग भय फैलाने वाली या विभाजनकारी राजनीति से प्रभावित नहीं होंगे। राज्य के सभी लोग शांति और समृद्धि के मामले में एकजुट हैं।

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