समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट 2024 की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें उत्तर प्रदेश के लिए विकास पहलों की कथित रूप से अनदेखी की गई है और यह युवाओं और किसानों के हितों के खिलाफ है।
बजट में निर्मला सीतारमण द्वारा बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए घोषित विशेष पैकेजों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अखिलेश यादव ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से जुड़ा हुआ है, लेकिन उनके भाषण में इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया, जबकि पहले राज्य में किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया गया था। समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसानों के पास अभी भी कोई “मंडी” नहीं है और बिहार के बक्सर से राजमार्ग के लिए बजट की घोषणा को उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक भी बढ़ाया जाना चाहिए था।
आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ टीडीपी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा हैं। वे अपने राज्यों के लिए वित्तीय सहायता पर जोर दे रहे हैं, जो बजट में भी दिखाई दिया। हालांकि, अखिलेश यादव ने दावा किया कि यह गठबंधन बनाए रखने और अपनी सरकार बचाने के लिए एक राजनीतिक चाल है।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि सरकार के पास भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के विकास के लिए कोई योजना क्यों नहीं है। यादव रोजगार बढ़ाने और कौशल विकास की पहल पर बजट से सहमत नहीं थे। समाजवादी पार्टी के सांसद ने कहा कि युवाओं के लिए इंटर्नशिप जैसे अल्पकालिक उपाय बेरोजगारी की समस्या का समाधान नहीं करेंगे। साथी ही उन्होंने पूछा क्या इन अल्पकालिक रोजगार पहलों के लिए आरक्षण दिया जाएगा ?
इसके सिवा सपा के एक अन्य नेता राम गोपाल यादव ने पूछा कि निर्मला सीतारमण अपने भाषण में उत्तर प्रदेश के बारे में बात करने से क्यों बचती हैं। उन्होंने पूछा कि क्या उत्तर प्रदेश के विकास के बिना भारत का विकास हो सकता है? उन्होंने यह भी बताया कि बजट में सभी क्षेत्रों की तुलना में कृषि को सबसे कम धनराशि आवंटित की गई है।