शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री महेशिंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि ‘इमरजेंसी’ फिल्म सिर्फ सिखों की छवि को विकृत करने के लिए बनाई गई है, जबकि आपातकाल के दौरान कोई हिंसा हुई ही नहीं थी।
दरअसल प्रेंस कान्फरंस के दौरान अकाली दल के नेता महेशिंदर सिंह ग्रेवाल ने कंगना की फिल्म को लेकर बड़े सवाल खड़े किए। उन्होने कहा कि कंगना की फिलम ‘इमरजेंसी’ में संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले और सिखों के बारे में गलत टिप्पणियां हैं। जबकि आपातकाल के समय संत करतार सिंह भिंडरावाले दमदमी टकसाल के प्रमुख थे और संत जरनैल सिंह केवल डेरे के एक सेवक थे। लेकिन फिल्म के ट्रेलर में दिखाया गया है कि संत जरनैल सिंह खालिस्तान की मांग कर रहे हैं और उनके साथ 10-15 लड़के हाथों में असॉल्ट राइफलें लेकर लोगों को मार रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान तो कंगना का जन्म भी नहीं हुआ था। उन्हें नहीं मालूम कि मूल आपातकाल में कोई हिंसा नहीं हुई थी, क्योंकि इंदिरा गांधी ने सभी पार्टियों के राजनीतिक नेताओं को नजरबंद और गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि उस वक्त शिरोमणि अकाली दल के किसी भी नेता को गिरफ्तार नहीं किया गया था। सिखों की छवि खराब करने के लिए ही आपातकाल के दौरान खालिस्तान की मांग दिखाई गई है, जबकि संत जरनैल सिंह, शिरोमणि अकाली दल और एसजीपीसी ने कभी भी खालिस्तान की मांग नहीं की थी। हमने सिर्फ पंजाब को अधिक अधिकार देने की बात कही थी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल इतिहास तोड़कर बनाई गई किसी भी फिल्म को बर्दाश्त नहीं करेगा। सिखों की छवि खराब करने वाली इस फिल्म को किसी भी कीमत पर चलने नहीं दिया जाएगा।