हड़ताली आढ़तियों के साथ धान की सुचारू खरीद सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता के तहत पंजाब के मुख्यमंत्री ने आज चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई, जिसके बाद आढ़तियों ने अपनी हड़ताल वापस लेने का फैसला किया।
दरअसल, मुख्यमंत्री ने फेडरेशन ऑफ आढ़ती एसोसिएशन ऑफ पंजाब के अध्यक्ष विजय कालरा के नेतृत्व में आढ़तियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और मांगों पर चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आरतियों की जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि आरतियों की अधिकतर मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं लेकिन केंद्र सरकार इन मांगों के प्रति उदासीन है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आरती की आवाज बनेगी और उनके मुद्दों को केंद्र के समक्ष मजबूती से उठाएगी। जनवरी 2025 तक आढ़तियों के नुकसान की भरपाई करने की पूरी कोशिश की जाएगी, क्योंकि आढ़तियों को 192 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हो रहा है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि हर 50 दिनों के बाद आढ़तीयों के साथ बैठक की जाएगी ताकि उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके। इसके सिवा भगवंत मान ने कहा कि आढ़तीयों का ईपीएफ केंद्र सरकार के पास लंबित है। उन्होंने 50 करोड़ रुपये के भुगतान का मुद्दा भी भारत सरकार के समक्ष उठाने की बात कही। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि वह राज्य में खरीद प्रक्रिया की निगरानी के लिए खुद मंडियों का दौरा करेंगे। प्रदेश के किसानों के कल्याण के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को खरीद सीजन के दौरान किसानों द्वारा बाजारों में लाए गए 185 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने की उम्मीद है। राज्य में फिलहाल 32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती होती है और पंजाब ने 185 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा है। भारत सरकार ने इस सीजन में ‘ए’ ग्रेड धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2320 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। उन्होंने कहा कि राज्य की खरीद एजेंसियां जैसे पनग्रेन, मार्कफेड, पीएएनएसपी, वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन, सेंट्रल प्रोक्योरमेंट एजेंसी एफसीआई वे सब मिलकर भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद करेंगे