लुधियाना पश्चिम में ”AAP” को कैसे मिल रही बढ़त, संजीव अरोड़ा की संभावी जीत के 15 फैक्टर समझिए

लुधियाना/चंडीगढ़ , 17 जून (नवदीप)- पंजाब की राजनीति में एक बार फिर से गर्मी बढ़ गई है और इस बार केंद्र में है लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट, जहां 19 जून को उपचुनाव के लिए वोटिंग होगी और 23 जून को नतीजे सामने आएंगे। सभी राजनीतिक दलों ने इस सीट को लेकर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, लेकिन लुधियाना की सड़कों से लेकर सियासी गलियारों तक एक ही चर्चा है कि – आम आदमी पार्टी (AAP) इस सीट पर निर्णायक बढ़त बनाए हुए है।

यह सीट 2022 के विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी के कब्जे में गई थी। अब उपचुनाव में पार्टी ने फिर से मैदान में उतरकर एक बार और जीत का परचम लहराने की पूरी तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के तमाम बड़े नेता दिन-रात यहां डटे हुए हैं, जिससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी इस सीट को प्रतिष्ठा का प्रश्न मान चुकी है।

क्यों बढ़ रही है AAP की जीत की संभावनाएं?

पंजाब में सत्तासीन आम आदमी पार्टी ने अपने शासन में कुछ ठोस कदम उठाए हैं, जिनका असर अब स्थानीय स्तर पर दिखाई दे रहा है। चाहे वो मुफ्त बिजली, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, मोहल्ला क्लीनिक्स, सरकारी स्कूलों का कायाकल्प हो, करप्शन के खिलाफ बड़े-बड़े एक्शन हों या फिर व्यापारी वर्ग और आम जनता की सुविधा को देखते हुए ई-रजिस्ट्री और ई-जमाबंदी जैसे पोर्टल की शुरूआत हो, आम आदमी पार्टी की सरकार के कामों ने जनता का भरोसा जीता है। लुधियाना पश्चिम जैसे शहरी क्षेत्र में इन सुविधाओं की सीधी पहुंच ने मतदाताओं को AAP के करीब ला दिया है।

  • *तो आईए आपको वो 15 बड़े फैक्टर भी बता देते हैं जो AAP को जीत की ओर ले जा रहे हैं:*

1. संजीव अरोड़ा की साफ-सुथरी छवि:
राज्यसभा सांसद और उद्योगपति संजीव अरोड़ा का सामाजिक क्षेत्र में गहरा प्रभाव है। उनकी व्यक्तिगत ईमानदारी और सेवा भावना जनता को भा रही है। आम जनता के साथ उनका सीधा संवाद भी उन्हें एक लोकप्रिय नेता के रूप में उभार रहा है।

2. सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ
मुफ्त बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े फैसले वोटरों को सीधे लाभ पहुंचा रहे हैं। सरकार के इन फैसलों से लाखों आम परिवारों को सीधा फायदा मिला है, जिससे सरकार के प्रति जनता का अटूट विश्वास भी बना है।

3. व्यापारी वर्ग का झुकाव
व्यापारियों में AAP सरकार को लेकर सकारात्मक सोच है। भ्रष्टाचार पर लगाम और स्थानीय व्यापार को सहयोग का भरोसा बना है। पिछले कुछ महीनों के दौरान सरकार ने ओ.टी.एस. स्कीमोँ के अलावा व्यापारियों के हित में कई बड़े फैसले लिए हैं। इससे लुधियाना के व्यापारियों का आम आदमी पार्टी के प्रति विश्वास और भी गहरा हुआ है।

4. अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान और सिसोदिया की एक्टिव कैंपेनिंग
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान लगातार जनसभाएं, रोड शो और मीडिया में सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। पंजाब में आम आदमी पार्टी के प्रभारी मनीष सिसोदिया भी यहां जनता के बीच कैंपेन कर रहे हैं। जनता के बीच जाकर प्रचार करने और उनकी मुश्किलों को करीब से सुनने के चलते भी लुधियाना में आप की स्थिति काफी मजबूत दिख रही है।

5. डोर टू डोर कैंपेन:

AAP के कार्यकर्ता घर-घर जाकर संपर्क कर रहे हैं, जिससे मतदाताओं से सीधा संवाद हो रहा है।

6. कांग्रेस में गुटबाज़ी:

भारत भूषण आशू को लेकर पार्टी में अंदरूनी मतभेद खुलकर सामने आ चुके हैं। इससे कांग्रेस का वोट बेस बिखरता दिख रहा है। पछले कुछ दिनों से पार्टी के कई बड़े और दिग्गज नेता कैंपेन से गायब हैं, इससे साफ है कि भारत भूषण आशु अकेले पड़ चुके हैं।

7. बीजेपी का कमजोर जनाधार:

बीजेपी यहां अब भी अपनी पकड़ बनाने में विफल रही है। शहरी हिंदू वोटर इस बार निष्क्रिय नजर आ रहा है।

8. महिलाओं का समर्थन:

महिलाओं को मुफ्त बिजली, सेनेटरी सुविधाएं, स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिला है, जिससे वे AAP के पक्ष में हैं।

9. युवाओं में भरोसा:

शिक्षा में सुधार, रोजगार मेलों और स्टार्टअप को बढ़ावा देने की वजह से युवा AAP को विकल्प के रूप में देख रहे हैं।

10. स्थानीय मुद्दों पर फोकस:

AAP ने ट्रैफिक, साफ-सफाई, पार्कों की स्थिति और पेयजल जैसी समस्याओं पर ध्यान दिया है। इसके साथ ही व्यापारी वर्ग से जुड़े मुद्दों को भी गंभीरता से लिया है। इससे भी आप की लुधियाना में राजनीतिक स्थिति काफी ठोस बनी है।

11. क्लीन इमेज बनाम घोटालों की छवि:

भारत भूषण आशू पूर्व में रेत और ट्रांसपोर्ट घोटालों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं, जबकि संजीव अरोड़ा की छवि बेदाग रही है।

12. AAP में शामिल हो रहे बड़े चेहरे:

हाल ही में कांग्रेस और अकाली दल के कई स्थानीय नेता AAP में शामिल हुए हैं, जिससे पार्टी को और ताकत मिली है।

13. जनता की बदली सोच:

लोग अब जाति और धर्म से ऊपर उठकर काम के आधार पर वोट देने की मानसिकता बना चुके हैं।

14. मीडिया मैनेजमेंट और सोशल मीडिया:

AAP का प्रचार रणनीतिक रूप से तेज़ और व्यापक है, खासकर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर। आम आदमी पार्टी की पॉजिटिव कैंपेन से भी नजता काफी आकर्षित हो रही है।

15. जनता से सीधा संवाद:

केजरीवाल और मान की टीम लगातार जनता के साथ जुड़ रही है, जिससे विश्वास कायम हो रहा है।

जीत के बाद क्या होगा लुधियाना पश्चिम को फायदा?

अगर AAP इस सीट पर जीतती है, तो इसका मतलब होगा केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर लुधियाना के लिए आवाज़ उठाने वाला सशक्त प्रतिनिधि। संजीव अरोड़ा के आने से व्यापारिक विकास, स्वास्थ्य सेवा विस्तार, और बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता मिलेगी। इसके अलावा AAP मॉडल के तहत मोहल्ला क्लीनिक, स्मार्ट स्कूल, महिला सुरक्षा योजना और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नए कदम उठाए जा सकते हैं।

लुधियाना पश्चिम सीट आम आदमी पार्टी के लिए सिर्फ एक चुनाव नहीं बल्कि जनता के भरोसे की परीक्षा है, जिसमें अब तक के संकेत उसके पक्ष में जाते दिख रहे हैं। अगर सब कुछ ऐसे ही चलता रहा, तो 23 जून को लुधियाना पश्चिम से एक बार फिर AAP के जीत की गूंज पूरे पंजाब में सुनाई दे सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *