आप पंजाब प्रधान अमन अरोड़ा ने केंद्र सरकार से किसानों के मुद्दे तत्काल समाधान करने की अपील की

 

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने पंजाब के उन किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त की है जो पिछले दस महीनों से पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से किसानों की मांगों का तत्काल समाधान करने की अपील की और उन कार्रवाइयों के खिलाफ चेतावनी दी जिससे तनाव बढ़ सकता है।

अपने बयान में अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब के किसानों ने शंभू सीमा से दिल्ली की ओर शांतिपूर्ण मार्च शुरू करने का फैसला किया है। पिछले दस महीनों से किसान संगठन और उनके समर्थक शंभू और खनौरी सीमाओं पर बैठे हैं। वे अपनी समस्याओं को उठा रहे हैं। पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार के साथ मध्यस्थता करने और उनके मुद्दों को सुलझाने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन ऐसा लगता है कि केंद्र किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं देना चाह रहा है।

अरोड़ा ने निषेधाज्ञा लागू करने के लिए हरियाणा सरकार की आलोचना की, जो किसानों को शांतिपूर्ण मार्च निकालने से कानूनन रोक रही है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में यह कहा गया था कि किसान पैदल मार्च कर सकते हैं, लेकिन अब पता चला है कि हरियाणा ने उन्हें रोकने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इस तरह की कार्रवाई अनुचित है। यह केवल आग में घी डालने का काम करेगा।

किसानों के प्रति उनके रवैये के लिए केंद्र सरकार और भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए अरोड़ा ने कहा कि किसान इस देश की रीढ़ हैं। उन्होंने दशकों तक देश का पेट भरा है। वे सम्मान के पात्र हैं। उनके साथ दोयम दर्जे के नागरिकों की तरह व्यवहार करना स्वीकार्य नहीं है। केंद्र सरकार को किसानों के साथ बातचीत करनी चाहिए और उदासीनता का व्यवहार अपनाने के बजाय उनकी जायज मांगों का समाधान करना चाहिए।

उन्होंने आगे चेतावनी दी कि शांतिपूर्ण विरोध मार्च में बाधा डालने से संघर्ष उत्पन्न हो सकता है और स्थिति बिगड़ सकती है। अगर केंद्र और हरियाणा पुलिस शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को रोकती है तो टकराव और अशांति की संभावना बढ़ जाएगी। न तो आम आदमी पार्टी और न ही पंजाब सरकार ऐसी स्थिति चाहती है। इसलिए यह जरूरी है कि केंद्र इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाए।

अरोड़ा ने पंजाब के किसानों के खिलाफ केंद्र सरकार की कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे असंवैधानिक और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह निराशाजनक है कि देश के संविधान ने प्रत्येक नागरिकों को जो अभिव्यक्ति का अधिकार और जीवन का अधिकार दिया है आज उस संविधान को ही रौंदा जा रहा है। किसानों को उनकी ही राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने से बैरिकेड्स लगाकर रोका जा रहा है और आंसू गैस के गोले छोड़े दागे जा रहे हैं। यह सत्ता का खुला दुरुपयोग और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। अरोड़ा ने जोर देकर कहा कि आम आदमी पार्टी और पंजाब सरकार ऐसे दमनकारी कदमों की निंदा करती है और किसानों के संघर्ष में उनके साथ मजबूती से खड़ी है।

अरोड़ा ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है। वहां सभी 140 करोड़ भारतीयों को शांतिपूर्वक प्रवेश करने का अधिकार है। मैं केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि वे किसानों के प्रति अपना रवैया बदलें और किसान संगठनों के साथ बैठकर उनकी जायज़ मांगों पर तुरंत विचार करें।

आप के वरिष्ठ नेता और पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने किसानों के प्रति लगातार उपेक्षा और शत्रुतापूर्ण व्यवहार के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा ने ऐतिहासिक रूप से देश के किसानों के प्रति तिरस्कार का भाव दिखाया है। उनके कार्य देश का पेट भरने वाले अन्नदाताओं के प्रति गहरे पूर्वाग्रह को दर्शाते हैं। किसानों के बिना मानव जीवन अस्थिर है, क्योंकि वे ही हैं जो हमारे लिए भोजन का उत्पादन करते हैं। चीमा ने कहा कि समय आ गया है कि भाजपा किसानों और पंजाब के प्रति अपना दृष्टिकोण बदले, किसानों की शिकायतें सुने और उनके मुद्दों का ठोस समाधान करे। उन्होंने कहा कि किसान उदासीनता और उपेक्षा के नहीं, बल्कि सम्मान और प्रोत्साहन के पात्र हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *