पराली प्रबंधन के लिए पंजाब की 1200 करोड़ की मांग ठुकराने पर ‘आप’ ने की केन्द्र सरकार की निंदा

 

चंडीगढ़—केंद्र सरकार द्वारा पराली जलाने से रोकने के लिए पंजाब सरकार की 1,200 करोड़ रुपये देने की मांग ठुकराने पर आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा नीत केन्द्र सरकार की तीखी आलोचना की है और केन्द्र पर पंजाब के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है।

मंगलवार को पार्टी कार्यालय चंडीगढ़ में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ‘आप’ सांसद और पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि मोदी सरकार पंजाब के साथ लगातार भेदभाव कर रही है। वह पहले से ही पंजाब के रूरल डेवलपमेंट फंड, मंडी डेवलपमेंट फंड और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जैसे कई फंड रोक रखी है, जो 10 हजार के करीब है। पिछले दिनों चावल की लिफ्टिंग में जानबूझकर समस्या पैदा की। अब पराली जलाने से रोकने के लिए किसानों को प्रोत्साहित राशि देने से भी मुकर रही है। यह बेहद निंदनीय है।

कंग ने कहा कि मान सरकार पराली जलाने से रोकने के लिए लगातार किसानों को जागरुक और सहयोग कर रही है। पिछले ढाई सालों के दौरान सरकार द्वारा उठाए गए सार्थक कदमों की बदौलत इस बार पराली जलाने की संख्या में काफी कमी आई है।

कंग ने कहा कि भाजपा अक्सर बोलती है कि वह पंजाब के किसानों के साथ है, लेकिन जब भी उनकी मदद की बात आती है तो अपनी जिम्मेदारी से भाग जाती है या तरह-तरह की रूकावटें डालती है। भाजपा की केंद्र सरकार का पंजाब के प्रति रवैया बेहद भेदभाव वाला और बदले की भावना वाला है। यह देश की संघीय व्यवस्था को भी कमजोर करने वाला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह अहसास होना चाहिए कि पंजाब और हरियाणा के किसान अपनी मेहनत से अनाज उपजाकर पूरे देश का पेट भरते हैं। उनके साथ इस तरह का व्यवहार शर्मनाक है। आम आदमी पार्टी इसकी घोर भर्त्सना करती है।

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