चंडीगढ़, 18 सितम्बर:
पंजाब सरकार ने राज्य के बाढ़ प्रभावित गांवों को सामान्य स्थिति में लाने के लिए प्रयास तेज़ कर दिए हैं। पिछले 4 दिनों में गांवों की सफाई और गाद निकालने पर 10.21 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों के तहत बाढ़ के दौरान मरे पशुओं का वैज्ञानिक ढंग से निपटारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभिन्न गांवों में 259 पशुओं के निपटारे पर 17.54 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं। सौंद ने कहा कि मलबे की सफाई और पशु शवों का निपटारा 24 सितम्बर तक कर लिया जाएगा। इसके अलावा तालाबों की सफाई 22 अक्टूबर तक हो जाएगी।
सौंद ने आगे बताया कि बाढ़ प्रभावित ज़िलों में साझा संपत्तियों की मरम्मत पर अब तक प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार 153.33 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान लगाया गया है। उन्होंने कहा कि साझा संपत्तियों की ज़रूरी मरम्मत 15 अक्टूबर तक कर ली जाएगी। इसके अलावा युद्ध स्तर पर चल रहे कार्यों के तहत बीमारियों के फैलाव का मुकाबला करने के लिए 543 फॉगिंग मशीनें तैनात की जा चुकी हैं और 750 और मशीनों की तैनाती जल्द कर दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित 2280 गांवों में ग्राम सभाएँ भी बुलाई जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ये विशेष ग्राम सभा बैठकें की गई हैं। इन बैठकों में सबसे ज़रूरी कार्यों की पहचान कर उन्हें मंज़ूरी दी गई। उल्लेखनीय है कि एक बार कार्य पूरा होने के बाद खर्चों की समीक्षा और कार्य पूरा होने की पुष्टि के लिए पुनः ग्राम सभा की बैठक बुलाई जाएगी।
पंचायत मंत्री ने यह भी बताया कि बीडीपीओ या डीडीपीओ की अगुवाई में ज़िला-वार निगरानी उप-कमेटीयाँ 19 सितम्बर से फील्ड निरीक्षण शुरू करेंगी। ये अधिकारी साप्ताहिक सत्यापन रिपोर्टें जमा करेंगे, फंड के उपयोग का दस्तावेज़ीकरण करेंगे और कार्य होने से पहले व बाद की तस्वीरों को सुरक्षित रखेंगे।