दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बंगला आवंटित करने में देरी के लिए केंद्र सरकार को फटकाई लगाई। जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा कि सरकार का रवैया ‘सभी के लिए फ्री सिस्टम’ जैसा है। किसे मकान मिलेगा, किसे नहीं, यह सरकार चुनिंदा तरीके से तय नहीं कर सकती।
दरअसल, आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपनी एक याचिका में केजरीवाल को दिल्ली में सरकारी आवास आवंटित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की है। AAP ने दावा किया कि उसने इसको लेकर पिछले साल 20 सितंबर को केंद्र को पहली बार पत्र लिखा था। उसके बाद एक रिमाइंडर भी भेजा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
AAP ने कहा कि कि केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद 4 अक्टूबर, 2024 को 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित अपना सरकारी आवास खाली कर दिया था। इसके बाद से, वह मंडी हाउस के पास एक पार्टी सांसद के सरकारी आवास में रह रहे हैं।