‘कुकी के साथ SoO एग्रीमेंट साइन करने की वजह से घाटी में मैतेई लोगों के बीच बहुत नाराजगी है। मणिपुर हिंसा को करीब 2 साल 4 महीने बीत गए हैं, लेकिन PM मोदी ने अब जाकर आने का फैसला किया, जब सब कुछ बर्बाद हो गया।‘
मणिपुर में सरकार और कुकी संगठनों के बीच हुए समझौते के मायने मैतेई लीडर दो लाइन में समझा देते हैं। नाम ना जाहिर करने की शर्त पर वे कहते हैं कि शांति चाहिए तो सबको साथ लेकर चलना था। वहीं, कुकी कम्युनिटी का कहना है ‘हम केंद्र सरकार से जो उम्मीद कर रहे थे, ये समझौता उससे काफी कम है।’
मणिपुर में 856 दिनों से कुकी और मैतेई कम्युनिटी के बीच संघर्ष जारी है। अब भी मणिपुर दो हिस्सों में बंटा हुआ है। संघर्ष के बाद पहली बार PM नरेंद्र मोदी 13 सितंबर को मणिपुर के दौरे पर पहुंच सकते हैं। PM मैतेई कम्युनिटी के गढ़ यानी राजधानी इंफाल और कुकी के इलाके चुराचांदपुर दोनों जगहों पर सभाएं करेंगे।
देरी को लेकर नाराजगी भले हो, लेकिन मणिपुर के लोग PM मोदी के दौरे को उम्मीद की नजरों से देख रहे हैं। दिल्ली में भी मणिपुर संघर्ष को खत्म करने के लिए पर्दे के पीछे से तैयारियां चल रही हैं।