Thursday, August 14, 2025
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“तिरंगे संग तरक्की का परचम, शिक्षा, बिजली, खेती और सुशासन में मान सरकार की ऐतिहासिक उपलब्धियां”

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  • चंडीगढ़ (नवदीप कुमार)- 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान कल लगातार चौथी बार राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। लेकिन इस बार का ध्वजारोहण सिर्फ़ एक परंपरा नहीं, बल्कि उस बदलाव की निशानी भी है जो पिछले साढ़े तीन साल में पंजाब ने देखा है। मुख्यमंत्री मान ने अपने कार्यकाल में ऐसे कई ऐतिहासिक फैसले लिए जिन्होंने पंजाब के अलग-अलग क्षेत्रों की तस्वीर बदल दी। स्वास्थ्य क्षेत्र में आम आदमी क्लीनिक और अस्पतालों का व्यापक अपग्रेडेशन, शिक्षा में स्कूल ऑफ एमिनेंस और सरकारी स्कूलों का कायाकल्प, कृषि में फसल विविधीकरण और MSP की गारंटी, ऊर्जा में 600 यूनिट मुफ्त बिजली और सोलर प्रोजेक्ट, उद्योग में 1 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव, और रोजगार में हजारों नौकरियों की बहाली, ये सभी बदलाव आज ज़मीनी स्तर पर असर दिखा रहे हैं। साथ ही वन एमएलए-वन पेंशन और पारदर्शी शासन जैसे कदमों ने राजनीतिक व्यवस्था में भी नया मानक स्थापित किया है। आइए जानते हैं साढ़े तीन साल में पंजाब सरकार की उन बड़ी उपलब्धियों के बारे में, जिन्होंने लोगों की ज़िंदगी को सीधे प्रभावित किया।

 स्वास्थ्य क्रांति से लाखों परिवारों की बदली तकदीर

 पंजाब के अन्दर आम आदमी क्लीनिक खोलने की ऐतिहासिक शुरूआत साल 2022 में अगस्त महीने के दौरान ही की गई। आज पंजाब के अन्दर 881 आम आदमी क्लीनिक लाखों परिवारों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवा रहे हैं। निकट भविष्य में पंजाब में 200 नए आम आदमी क्लीनिकों का विस्तार भी हो रहा है, जिससे यह गिनती 1081 तक पहुंच जाएगी। फिलहाल पंजाब के अन्दर इन आम आदमी क्लीनिक के अन्दर रोजाना 58 हजार के आसपास मरीजों की स्वास्थ्य जांच हो रही है। इन क्लीनिक के अन्दर 80 प्रकार की दवाइयाँ और 38 प्रकार की जांचें मुफ्त उपलब्ध हैं, जिससे ₹1,030 करोड़ तक की बचत हुई है।  इसके अलावा महावीर सिविल अस्पताल, लुधियाना में थैलेसीमिया वार्ड का शुभारंभ भी हो चुका है। इसमें फ्री बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसी सुविधाओं के साथ रीजनल मरीजों को काफी राहत मिली है।

 Mukh Mantri Sehat Beema Yojana:  अक्टूबर 2025 से प्रति परिवार ₹10 लाख तक कैशलेस स्वास्थ्य बीमा देने की योजना का ऐलान भी पंजाब सरकार ने पहले ही कर दिया है। अब पंजाब के किसी भी नागरिक को इलाज के लिए अपनी जेब की और नहीं देखना पड़ेगा। सरकार ने इसके लिए 778 करोड़ का बजट सुरक्षित किया है, जिसे बाद में बढ़ाया जा सकता है। सकार इस योजना के तहत 65 लाख से ज्यादा परिवारों को कैशलेस हेल्थ बीमा का लाभ देगी।

 शिक्षा पर खर्च किए हजारों करोड़, स्कूलों की बदली तस्वीर

 मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पिछले साढ़े तीन सालों के दौरान पंजाब सरकार ने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए रिकॉर्ड बजट आवंटन किया है। 2022-23 से लेकर 2025-26 तक शिक्षा, कला और संस्कृति पर खर्च 14,649 करोड़ से बढ़कर 17,330 करोड़ तक पहुंचा, जो राज्य के कुल बजट का लगभग 12% है। इस अवधि में स्कूल्स ऑफ एमिनेंसयोजना के तहत 118 स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया गया, जिसमें से 14 स्कूल पहले ही शुरू हो चुके हैं। स्कूल्स ऑफ हैप्पीनेस’, ‘स्कूल्स ऑफ ब्रिलियंसऔर एप्लाइड लर्निंगजैसे कार्यक्रमों के लिए अलग-अलग 10 करोड़ के आवंटन किए गए। समग्र शिक्षा अभियान के लिए 2024-25 में 1,593 करोड़, जबकि स्कूलों की साफ-सफाई व रखरखाव के लिए 2023-24 में 99 करोड़ खर्च किए गए। छात्रों को मुफ्त पुस्तकें, वर्दी, मिड-डे मील और सोलर पैनल की सुविधा उपलब्ध कराई गई। प्राथमिक स्तर पर 12,316 शिक्षकों का नियमितीकरण, 9,518 नई नियुक्तियां, 12,000 इंटरनेट कनेक्शन, 4,300 स्कूलों में शौचालयों की मरम्मत और 2,563 स्कूलों में बैरियर वॉल का निर्माण कराया गया। शिक्षकों के कौशल विकास के लिए 20 करोड़ का प्रावधान हुआ, 36 प्रधानाचार्य और शिक्षण अधिकारियों को सिंगापुर में ट्रेनिंग भेजा गया और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु 525 करोड़ का बजट रखा गया। इन सुधारों का असर अब नतीजों में दिख रहा हैसरकारी स्कूलों के 44 छात्रों ने जेईई एडवांस जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षा में सफलता हासिल की, जबकि सिखिया क्रांतिजैसी पहल ने शिक्षा को नई दिशा दी है।

 खेतीबाड़ी सेक्टर के विकास को लेकर बड़े फैसले

मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पिछले साढ़े तीन साल में पंजाब सरकार ने खेती-बाड़ी और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए रिकॉर्ड बजट आवंटित किया है। 2022-23 में इस सेक्टर को ₹11,560 करोड़ का बजट मिला, जो 2023-24 में बढ़कर ₹13,888 करोड़ और 2025-26 में ₹14,524 करोड़ तक पहुंच गया। यह राशि किसानों को राहत, नई तकनीक अपनाने और कृषि अवसंरचना को मजबूत करने में खर्च हुई। सरकार ने कृषि पंपसेट्स को मुफ्त बिजली सुविधा देने के लिए 2022-23 में ₹6,947 करोड़ और 2023-24 में ₹9,331 करोड़ का आवंटन किया, जिससे करीब 14 लाख ट्यूबवेल उपभोक्ताओं को सीधा लाभ हुआ। फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए Direct Seeding of Rice (DSR) पर प्रति एकड़ ₹1,500 की प्रोत्साहन राशि और मूंग की फसल को MSP पर खरीदने के लिए ₹66 करोड़ खर्च किए गए। कुल ₹125 करोड़ DSR और मूंग MSP स्कीम पर लगाए गए, जबकि ₹450 करोड़ का अलग बजट फसल विविधता को बढ़ाने में लगाया गया। पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए ₹500 करोड़ की योजना शुरू की गई, जिसके तहत 4,367 Crop Residue Management मशीनें किसानों को सब्सिडी पर दी गईं और 2.5 लाख एकड़ में बायो-डिकम्पोज़र का इस्तेमाल हुआ। कृषि अवसंरचना फंड के तहत पंजाब को फरवरी 2025 तक ₹7,050 करोड़ का आवंटन हुआ और अब तक 20,000 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स मंजूर किए गए। सिंचाई व्यवस्था सुधारने के लिए 15,947 नहर चैनलों को पुनर्जीवित किया गया, जिससे अब राज्य में 84% खेतों में केवल नहर जल का उपयोग हो रहा है और भूजल पर निर्भरता में बड़ी कमी आई है। इन पहलों से किसानों की आय में स्थिरता आई है, बिजली और पानी की बचत हुई है, और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को मजबूती मिली है।

 मुफ्त 300 यूनिट बिजली योजना बनी जनता की राहत

 मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार द्वारा जुलाई 2022 में शुरू की गई 300 यूनिट मुफ्त बिजलीयोजना ने साढ़े तीन साल के भीतर राज्य के लाखों परिवारों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, योजना की शुरुआत के समय पंजाब में कुल 73.39 लाख घरेलू बिजली कनेक्शन थे, जिनमें से लगभग 62.25 लाख उपभोक्ता (करीब 84%) हर महीने 300 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करते थे और पूरी तरह से बिजली बिल मुक्त हो गए।

योजना के लागू होने के बाद से ही इसका लाभ लगातार बढ़ता गया। दिसंबर 2024 तक के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि अब 90% से अधिक घरेलू उपभोक्ता, यानी करीब 73 लाख से ज़्यादा परिवार, हर महीने शून्य बिजली बिल का फायदा उठा रहे हैं।

यह कदम न केवल आर्थिक राहत का माध्यम बना, बल्कि राज्य में उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति को भी बढ़ाया। छोटे व्यापारियों, किसानों, मजदूरों और निम्न-मध्यम वर्ग के लाखों परिवारों के बजट में यह राहत सीधे महसूस की जा रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि पंजाब की यह पहल देश में बिजली क्षेत्र में एक मिसाल बन चुकी है, जिसने चुनावी वादे को जमीनी हकीकत में बदलते हुए आम जनता की जेब में सीधा फायदा पहुँचाया है।

 नशा तस्करों और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ा प्रहार

 मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने राज्य में नशा तस्कर और भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की है। युद्ध नशे के विरुद्धअभियान में अब तक 25,646 लोग गिरफ्तार किए गए, और 16,400 से अधिक FIR दर्ज हुईं। इस दौरान 1,059 किलो हेरोइन, 366 किलो अफीम, 215 क्विंटल पापी हस्क, तथा 32 लाख से अधिक टैबलेट बरामद की गई, और ₹12.32 करोड़ की नकदी जब्त हुई । दूसरी ओर भ्रष्टाचार के खिलाफ भी ठोस कदम उठाए गए। 45 सरकारी अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और 28 FIR दर्ज हुई हैं, जिसमें पुलिसकर्मी, पटवारी और सरकारी स्टाफ शामिल हैं । इसके अलावा, नशा तस्करी में शामिल रहे बड़े मगरमच्छोंके खिलाफ विशेष अभियान चलाया गयाजिसमें 1,696 बड़े तस्कर गिरफ्तार किए गए, ₹74.27 करोड़ मूल्य की 144 अवैध संपत्तियाँ जब्त की गईं । इन सभी कार्रवाइयों ने पंजाब में नशा और भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंसका स्पष्ट संदेश भेजा है। पंजाब में अब न तो कानून का उल्लंघन बर्दाश्त किया जा रहा है, न ही अपराधियों को छोड़ा जा रहा है।

 उद्योग-विकास और निवेश

 पिछले तीन सालों के दौरान पंजाब में ₹1 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव आए, जिससे उद्योग क्षेत्र में बड़े रोजगार और विकास की उम्मीद बढ़ी। कृषि-प्रसंस्करण, टेक्नोलॉजी पार्क, लॉजिस्टिक हब जैसे क्षेत्रों में नए प्रोजेक्ट्स का आधार तैयार हुआ।

 रोजगार-अवसर और सुशासन

भगवंत मान सरकार ने सत्ता में आने के तुरंत बाद सरकारी नौकरियों की एक नई बहार लाकर खड़ी कर दी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में यह सुनिश्चित किया कि पंजाब के अन्दर अब सरकारी नौकरी सिर्फ और सिर्फ योग्यता के आधार पर मिलेगी। किसी भी तरह का भ्रष्टाचार या सिफारिश नहीं चलेगी और इसे मुख्यमंत्री ने करके भी दिखाया। अब तक 51,655 सरकारी नौकरियाँ प्रदान की जा चुकी हैं; अगले चरण में +50,000 नौकरियाँ देने का वादा है। कुल मिलाकर अगले डेढ साल में 50 हजार के करीब अन्य सरकारी नौकरियां पंजाब के युवाओं को दी जाएंगी।

इसके साथ ही भगवंत मान सरकार ने सुशासन सुधारों में वन MLA-वन पेंशनलागू करने के अलावा डिजिटल हेल्पलाइन, Door-step डिलीवरी, भ्रष्टाचार-रोधी महत्तवपूर्ण कदम भी उठाए गए। इन पहलों से शासन प्रणाली में जवाबदेही और पारदर्शिता बना है।

भगवंत मान की सरकार ने साढ़े तीन साल में स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, कृषि, उद्योग, रोज़गार और सुशासन समेत हर मोर्चे पर स्पष्ट और मापक परिवर्तन लाए हैं। इन पहलों की गूंज अब़ केवल आंकड़ों में नहीं, लोगों के अनुभव और नीति-स्तर पर प्रभाव में दिख रही है। ये बदलाव, चाहे मोवमेंट-स्केल पर हों या व्यक्ति-स्तर पर, संदेश देते हैं कि यह सरकार विकास को धरातल पर निभा रही है—not just promising, but delivering.

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