सुप्रीम कोर्ट द्वारा आठ दिन में दिल्ली-एनसीआर की सड़कों से आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर शेल्टर होम ले जाने के आदेश के बाद छिड़ी बहस के बीच नई जानकारी समाने आई है।
केंद्र सरकार ने आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ने और लावारिस पशुओं द्वारा आमजन को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं पर चिंता जताई है। केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने ऐसे पशुओं पर नियंत्रण के लिए मास्टर एक्शन प्लान बनाया है।
तीनों मंत्रालयों ने सभी राज्यों को एक एडवाइजरी भेजी है। इसमें कहा गया है कि देश में 1.53 करोड़ आवारा कुत्ते हैं। इनमें 70% का वैक्सीनेशन व नसबंदी एक साल में करने का टारगेट रखा गया है।
इसके अलावा 2019 की पशु गणना के अनुसार देश में 50 लाख बेसहारा पशु हैं। इस अभियान में पहली बार ग्राम पंचायतें भी जुड़ेंगी। अभियान के लिए राज्यों को एनिमल वेलफेयर बोर्ड की मदद लेने को कहा गया है। बता दें कि तीनों मंत्रालयों ने यह कदम केंद्र को आवारा कुत्तों के काटने और बेसहारा पशुओं के कारण हो रहे हादसों की हजारों शिकायतें मिलने के बाद उठाया है।