दुनिया के सबसे उम्रदराज एथलीट और टर्बन टॉरनेडो के नाम से मशहूर फौजा सिंह का सोमवार रात 114 साल की उम्र में निधन हो गया। जालंधर में सैर करने के दौरान उन्हें एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। इलाज के लिए उन्हें एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां रात को उन्होंने अंतिम सांस ली।
पुलिस ने उनके बेटे धरमिंदर सिंह की शिकायत पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। फौजा सिंह ब्यास पिंड में अपने बेटे के साथ रहते थे। बेटे और बेटियों के विदेश से लौटने के बाद आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। फौजा सिंह ने 80 साल की उम्र में दौड़ना शुरू किया था। 2012 के लंदन ओलिंपिक में वह मशालवाहक भी रहे।
फौजा सिंह के छोटे बेटे हरबिंदर सिंह ने बताया कि वह सोमवार को तीन बजे खाना खाने के बाद सैर करने के लिए घर से निकले थे। इस दौरान जब वह हाईवे पर पहुंचे तो एक अज्ञात कार ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे उन्हें सिर, छाती और पसलियों पर गंभीर चोटें आईं, जिसके कारण उनकी मौत हो गई।
फौजा सिंह के पास इंग्लैंड की नागरिकता थी। कोरोना के बाद वह विदेश बहुत कम जाते थे। अब वह अपने बेटे हरबिंदर सिंह और बहू के साथ जालंधर में ही रहते थे। उनके दूसरे बेटे और बेटी यूके और कनाडा में रहते हैं।